लखनऊ / बनारस:बीएचयू में छेड़खानी का विरोध कर रही छात्राओं पर लाठीचार्ज के बाद पैदा तनाव का माहौल अब भी कायम है. सुरक्षा के लिहाज से बीएचयू के मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया है. वहीं छात्र वीसी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर फिर से धरने पर बैठ गये हैं. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता गेट के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.छेड़खानी के विरोध को लेकर पैदा तनाव के चौथे दिन आज 1000 छात्र – छात्राओं पर केस दर्ज कर दिया गया है.
उधर घटना को लेकर राज्य सरकार ने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की है. लंका इलाके के एसओ को लाइन हाजिर कर दिया गया है. एसएसपी ने भेलूपुर के सीओ निवेश कटियार को भी उनके पद से हटा दिया है. उधर प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी लाठीचार्ज की घटना को लेकर रिपोर्ट मांगी है. इस बीच बीएचयू में छुट्टी की घोषणा कर दी गयी है. फिलहाल बीएचयू परिसर में आवागमन बहाल हो चुका है लेकिन अंदर पीएसी के हजारों जवान तैनात हैं. वहीं इस घटना को लेकर दिल्ली में भी विभिन्न छात्र संगठन आज एकजुट हुए और एचआरडी मिनस्ट्री के बाहर प्रदर्शन किया
#UPCM श्री #YogiAdityanath ने कमिश्नर वाराणसी से बीएचयू के पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी है।
#UPCM श्री #YogiAdityanath ने कमिश्नर वाराणसी से बीएचयू के पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी है।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 24, 2017
BHU कैंपस में फिर हिंसा, एक्शन में सीएम योगी, वीसी ने तोड़ी चुप्पी
बीएचयू की घटना को लेकर उठ रहे हैं कई सवाल
सुरक्षा पुख्ता करने की मांग कर रही छात्रों पर लाठीचार्ज को लेकर सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है. घटना के तीन दिन बाद वीसी जीसी त्रिपाठी ने मीडिया में बयान जारी कर कहा कि कुछ बाहर के लोग बीएचयू का माहौल खराब कर रहे हैं. वहीं छात्राओं का कहना है कि हमारी एक छोटी सी मांग थी कि हमें सुरक्षा दी जाये फिर शांतिपूर्वक की जा रही इस धरना – प्रदर्शन में लड़कियों पर लाठी चार्ज क्यों की गयी ? गौरतलब है कि छात्रा इस बात पर अड़े थे कि वीसी धरनास्थल पर आकर छात्राओं के साथ बात करें. इस बीच पुलिस ने लाठी चार्ज कर दी. उसके बाद कैंपस का पूरा माहौल बिगड़ गया. छात्राओं के इस आंदोलन में छात्र भी कूद पड़े. पुलिस और छात्रों के बीच तनातनी का माहौल रहा और देखते ही देखते कैंपस रणक्षेत्र में बदल गया. बताया जा रहा है कि छात्रों ने पीएसी के जवान पर पथराव किया और पेट्रोल बम भी बरसाये. भड़की हिंसा से कई लोगों के घायल होने की खबर है.
BHU प्रशासन से कहां हुई चूक
परिसर में अब भी लाठी चार्ज की घटना को लेकर छात्रों के बीच आक्रोश का माहौल है.BHU के छात्रों ने बताया कि छात्राओं की मांग को गंभीरता से नहीं लेना पहली गलती थी. वीसी की अड़यिल रवैये से मामूली सी घटना ने हिंसात्मक रूप ले लिया. शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे छात्राओं पर लाठीचार्ज के फैसले ने बीएचयू परिसर को जंग के मैदान में बदल दिया. छात्राओं की माने तों सिंह द्वार के समीप मात्र 100- 200 छात्राएं धरने पर बैठी थीं. 52 घंटे से लगातार चल रहे प्रदर्शन करने वाली छात्राओं की संख्या वक्त के साथ कम होते जा रही थी लेकिन लाठीचार्ज के फैसले ने माहौल पूरी तरह बिगाड़ दिया. उस पर भी वीसी की खामोशी से हालात सुधरने की बजाय बिगड़ता गया.