वाराणसी : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज यहां कहा कि काशी का प्राचीनता और परंपरा के साथ आधुनिक तरीके से विकास हो रहा है.रामनाथ कोविंद सोमवार को पंडित दीनदयाल दयाल हस्तकला संकुल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वाराणसी में बदलाव आ रहा है. यहां गंगा आरती के साथ आइआइटी भी मौजूद है. बनारस अब आध्यात्मिकता के साथ स्मार्ट सिटी की तरफ बढ़ रहा है.
राष्ट्रपति बनने के बाद पहली यात्रा पर वाराणसी पहुंचे कोविंद ने बड़ा लालपुर स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ी साढ़े तीन हजार करोड़ की परियोजनाओं की आधारशिला की नींव रखी. साथ ही उन्होंने कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षित 10 युवाओं को विभिन्न कंपनियों की ओर से नियुक्ति पत्र सौंपा. उन्होंने बताया कि यहां पर जिन विकास योजनाओं की शुरुआत की गयी है उससे लोगों का जीवन स्तर और अच्छा होगा. उन्होंने कहा कि एक साथ इतनी परियोजनाओं को शुरू करने में उन्हें बहुत प्रसन्नता हो रही है.
राष्ट्रपति ने कहा कि गंगा जलमार्ग के जरिये वाराणसी को इलाहाबाद से लेकर पश्चिम बंगाल तक के व्यापारिक केंद्रों से जोड़े जाने की योजना है. इस जल मार्ग पर पटना और वाराणसी के बीच ‘क्रूज वेसेल्स’ चलाने का काम शुरू कर दिया गया है. वाराणसी को आर्थिक विकास की धुरी बनाने के लिए यहां ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर’ और ‘कनेक्टिविटी’ का तेजी से विकास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार गंगा-नदी की स्वच्छता और उसके तटों पर बसे क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दे रही है.
रामनाथ कोविंद ने कहा, वाराणसी में ‘नमामि गंगे’ परियोजना के तहत ‘सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट’ पर काम शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि सफाई के कारण अब गंगा-नदी के घाटों की सुंदरता दिखने लगी है. यह कार्य प्रधानमंत्री के आह्वान पर जन-भागीदारी से ही संभव हो सका है. इस सराहनीय कार्य के लिए वाराणसी की जनता बधाई की पात्र है. उन्होंने कहा कि यहां के पांच सपूतों को भारत रत्न मिला है. वाराणसी ने कई मुख्यमंत्री दिये हैं और यहां के सांसद अब देश के प्रधानमंत्री है. दुनिया के लोगों में बनारस को लेकर बहुत आकर्षण है जिसके चलते देश एवं दुनिया से लोग यहां पर आते हैं. इस दौरान सूबे के राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत प्रदेश सरकार के कई मंत्री मौजूद थे.