#DeoriaShelterHome : DM ने दी जानकारी DPO से गलती हुई थी बर्खास्त किये गये
5.18PM :देवरिया शेल्टर होम पर बयान देते हुए नवनियुक्त डीएम अमित किशोर ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट प्रोबेशन अधिकारी को बर्खास्त कर दिया गया है. चार लोगों की गिरफ्तारी हुई है और अन्य की गिरफ्तारी जल्दी ही होगी. डीपीओ से एक गलती हुई थी, शेल्टर होम की मान्यता पिछले साल ही रद्द कर दी गयी थी, […]
5.18PM :देवरिया शेल्टर होम पर बयान देते हुए नवनियुक्त डीएम अमित किशोर ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट प्रोबेशन अधिकारी को बर्खास्त कर दिया गया है. चार लोगों की गिरफ्तारी हुई है और अन्य की गिरफ्तारी जल्दी ही होगी. डीपीओ से एक गलती हुई थी, शेल्टर होम की मान्यता पिछले साल ही रद्द कर दी गयी थी, लेकिन अभी तक लड़कियों को वहां भेजा जा रहा था.
1.11 PM : गिरिजा त्रिपाठी की बेटी कंचन लता त्रिपाठी गिरफ्तार कर ली गयी है. जबकि गिरिजा त्रिपाठी, उसके पति मोहन त्रिपाठी व बेटे प्रदीप त्रिपाठी को पुलिस ने कल ही गिरफ्तार कर लिया था. कंचन त्रिपाठी गोरखपुर में एक ओल्ड एज होम का संचालन व देखरेख करती है. पुलिस थोड़ी देर में इस ओल्ड एज होम पर भी कार्रवाई करेगी.
देवरिया/नयी दिल्ली/लखनऊ : गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज लोकसभा में देवरिया शेल्टर होम मामले पर बयान देते हुए यूपी सरकार की तारीफ की और त्वरित कार्रवाई के लिए उन्हें बधाई दी. राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने पूरे देश के बाल सुधार गृहों की जांच के आदेश दिये हैं, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके. राजनाथ सिंह ने कहा कि यूपी सरकार ने तुरंत हाई लेवल कमेटी गठित की ताकि जांच में पारदर्शिता रहे. इस कमेटी में एडीजी और एडिशनल चीफ सेक्रेटरी शामिल हैं. सरकार ने डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग आफिसर को तुरंत सस्पेंड किया और संचालिका को गिरफ्तार किया.
इससे पहले आज सुबह मां विध्यवासिनी शेल्टर होम मामले को लेकर प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. हमने जो हाई लेवल टीम गठित की थी उसने वहां जाकर मुक्त करायी बच्चियों से अलग-अलग बात की. संचालिका का कहना है कि यहां 42 बच्चे थे, लेकिन मुक्त 24 कराये गये हैं, तो आखिर शेष बच्चे कहां गये? इस संबंध में उनके रजिस्टर में कोई जानकारी नहीं है. हम यह पता लगा है कि आखिर वे बच्चे और लड़कियां कहा हैं.
मुख्यमंत्री के आदेश से प्रदेश के अन्य शेल्टर होम की भी जांच हो रही है और आज शाम तक उनकी रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री तक पहुंच जायेगी. अधिकारियों की भूमिका सहित सभी की जांच हो रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा. सरकार ने मामले के प्रकाश में आते ही रेस होकर काम किया और हाई लेवल कमेटी के सदस्यों को हेलीकॉप्टर से घटनास्थल पर भेजा. रीता बहुगुणा जोशी ने बताया कि शेल्टर होम को 2010 में मान्यता मिली थी और 2014 तक इन्हें कई तरह की मान्यता मिली. जिसमें शेल्टर होम को शिशु बाल गृह, पालना गृह सहित कई और मान्यता भी मिली थी, जिसे हमने रद्द कर दिया था और यह बालिका गृह गैरकानूनी रूप से चल रहा था.
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कल प्रशासन ने इस शेल्टर होम को ओर से सील कर दिया, यहां से 24 लड़कियों को मुक्त कराया गया और शेल्टर होम की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी और उसके पति सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. शेल्टर होम की एक बच्ची भागकर पुलिक के पास पहुंची थी और उसने जानकारी दी कि यहां बच्चियों से अनैतिक काम कराया जाता है और उनका शारीरिक और मानसिक शोषण भी होता है. शेल्टर होम में रहने वाली एक महिला ने खुलासा किया है कि यहां से मानव तस्करी होती थी. तीन लड़की को विदेशों में बेचा गया है. साथ ही लड़कियों से देहव्यापर भी कराया जाता था, इसी क्रम में एक एक लड़की की मौत भी हुई थी. एक बार में पांच-छह लड़कियों को होम से बाहर भेजा जाता था. इन्हें लेने कार आती थी.
मामले के प्रकाश में आते ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने डीएम को हटा दिया और दो सदस्यीय हाईलेवल कमेटी गठित की जो मामले की समीक्षा कर सरकार को रिपोर्ट देगी. इटावा के डीएम अमित किशोर को देवरिया का डीएम बनाया गया है, उन्हें सुजीत कुमार की जगह पर डीएम बनाया गया है.
गौरतलब है कि देवरिया शेल्टर होम में बच्चियों के शारीरिक, मानसिक और यौन शोषण की खबर सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश
के प्रशासनिक तंत्र व राजनीति में भूकंप आ गया है और सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है. पुलिस ने इस मामले में बालिका गृह के संचालक पति-पत्नी सहित तीन को गिरफ्तार किया है. पुलिस अधीक्षक रोहन पी. कनय ने बताया, ‘स्टेशन रोड स्थित मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान द्वारा संचालित आश्रयगृह से कल शाम 24 लड़कियों को मुक्त कराया गया है. इसमें कुल 42 लोग रहते थे. 18 लड़कियां अभी भी लापता हैं.’ पूरी घटना की जानकारी उस वक्त मिली जब आश्रयगृह में रहने वाली एक लड़की महिला थाने पहुंची और लड़कियों की दयनीय हालत के बारे में जानकारी दी. लड़की ने बताया, ‘‘कई बार सफेद,काले और लाल रंग की कारें आती हैं और लड़कियों को ले जाती हैं. जब लड़किया सुबह लौटती हैं तो वे रोती हैं.’ देवरिया के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उन्हें पुलिस मुख्यालय से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश मिले थे. इस बीच, प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आनंद कुमार ने कहा कि इस पूरे प्रकरण की गहराई से जांच की जाएगी.
उसमें रहने वाले बच्चों का मेडिकल परीक्षण किया जाएगा. पाक्सो कोर्ट के सामने उनके बयान दर्ज कराए जाएंगे. विधिवत कार्रवाई की जाएगी.’ प्रदेश की महिला एवं परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि उनके विभाग ने उस आश्रयगृह की मान्यता समाप्ति के आधार पर उसे बंद करने के आदेश दिये थे. विभाग ने पिछले दिनों इस मामले में एक मुकदमा भी दर्ज कराया था. जो घटना सामने आयी है, वह गंभीर है. सच्चाई सामने आयेगी और इस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी. गौरतलब है कि वर्ष 2017 में संस्था की गतिविधि संदिग्ध पाये जाने के बाद सीबीआई ने बालिका गृह का लाइसेंस रद्द कर दिया था, बावजूद इसके संस्था में बच्चियों को रखा जा रहा था.