वाराणसी/ नयी दिल्ली : प्रियंका गांधी के वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने से जुड़ी हालिया अटकलों की पृष्ठभूमि में गांधी परिवार के विश्वस्त और प्रियंका के बेहद नज़दीकी लोगों में शुमार वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने रविवार को कहा कि कांग्रेस महासचिव के चुनावी मैदान में उतरने को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है.
उन्होंने यह दावा भी किया कि उत्तर प्रदेश में प्रियंका के नेतृत्व में पार्टी लोकसभा चुनाव में अच्छा करेगी और संगठन मजबूत होने के बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में स्वीप करेगी. प्रियंका के वाराणसी से चुनाव लड़ने की हालिया अटकलों पर शुक्ला ने कहा, ‘एक सवाल के जवाब में प्रियंका जी ने एक टिप्पणी की थी जिसको लेकर बातें की गई थीं. उनके चुनाव लड़ने पर अभी कुछ तय नहीं है.कोई निर्णय नहीं हुआ है. ‘
दरअसल, कुछ हफ्ते पहले चुनाव प्रचार के दौरान जब एक व्यक्ति ने प्रियंका से चुनाव लड़ने के बारे में कहा तो पलटकर उन्होंने सवाल किया, ‘क्या मैं वाराणसी से लडूं?" उनकी इस टिप्पणी के बाद ये अटकलें शुरू हो गईं कि प्रियंका प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ सकती हैं. प्रियंका के चुनाव लड़ने के सवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि इस बारे में खुद प्रियंका को निर्णय करना है.
शुक्ला ने प्रियंका के प्रचार अभियान के असर के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘वह जहां जा रही है उन्हें जनता से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. हमारी दिक्कत यह है कि पिछले 20 वर्षों में हमारा संगठन काफी कमजोर हो गया है. इसे दोबारा खड़ा करना है. फिर प्रियंका जी का नेतृत्व होगा और हम 2022 में स्वीप करेंगे.’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘प्रियंका गांधी के नेतृत्व का लाभ हमें लोकसभा चुनाव में भी मिलेगा. हम इस चुनाव में अच्छा करेंगे.’
पूर्व केंद्रीय मंत्री शुक्ला ने यह दावा भी किया कि इस बार जनता के बीच ‘मोदी ब्रांड’ नहीं चलेगा और विपक्ष को सामूहिक रूप से बहुमत हासिल होगा. यह पूछे जाने पर कि भाजपा के चुनावी विमर्श की काट क्या है तो उन्होंने कहा, ‘ वो हिंदू-मुसलमान और पाकिस्तान पर बात कर रहे हैं. उनके एजेंडे की यही काट है कि हम आम आदमी की बात कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘ आज सबसे बड़ी समस्या रोजगार की है. हम युवाओं को रोजगार देने की बात कर रहे हैं. हम किसानों के मुद्दों और महिला सुरक्षा के मुद्दे पर बात कर रहे हैं.’
भाजपा के ‘राष्ट्रवाद’ के मुद्दे पर उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘राष्ट्रवाद तो इंदिरा गांधी के समय दिखा था जब उन्होंने पाकिस्तान को सबक सिखाया था. 1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े किये थे. इन्होंने तो कुछ सबक नहीं सिखाया. मोदी से ज्यादा अटल जी ने सबक सिखाया है. इन्होंने तो सिर्फ झूठा प्रचार करके हंगामा खड़ा किया है.’
एक सवाल के जवाब में शुक्ला ने कहा, ‘अलग अलग राज्यों में विपक्ष मजबूती से लड़ रहा है. विपक्ष को बहुमत मिलेगा. देश में विपक्ष की सरकार आएगी.’ यह पूछे जाने पर कि चुनाव बाद गठबंधन की स्थिति में विपक्षी दलों को राहुल गांधी का नेतृत्व स्वीकार होगा तो उन्होंने कहा, ‘ राहुल जी ने स्वयं कहा है कि अभी नेतृत्व की बात नहीं है और बाद में जो सब मिलकर तय करेंगे वो हमें स्वीकार होगा.’
कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से किए वादों का सबसे ज्यादा फायदा देश के आम लोगों को होगा. उन्होंने कहा, ‘ सबसे बड़ी बात न्यनूनत आय की गारंटी के तहत सालाना 72 हजार रुपये देने की बात कही गयी है. कृषि बजट बहुत बड़ा कदम होगा. इससे एकदम स्पष्ट होगा कि हम किसान को क्या दे रहे हैं.’
‘न्याय’ के लिए बजट प्रबंधन को लेकर उठ रहे सवाल पर उन्होंने कहा, ‘ मैं योजना मंत्री रहा हूं. मुझे पता है कि इसके लिए आसानी से बजट उपलब्ध हो सकता है. जो अफवाहें उड़ा रहे हैं ये लोग उस वक्त भी ऐसे ही अफवाहें उड़ा रहे थे जब हमने किसानों की कर्जमाफी और मनरेगा को लागू करने की घोषणा की थी. मध्यम वर्ग पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा.’