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PM मोदी के खिलाफ तेज बहादुर का नामांकन रद्द, कहा- सुप्रीम कोर्ट में करेंगे अपील

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर नामांकन करने वाले बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव के नामांकन पत्र को जिला निर्वाचन अधिकारी ने बुधवार को खारिज कर दिया. जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने मंगलवार को तेजबहादुर यादव द्वारा पेश नामांकन पत्र के दो सेटों […]

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर नामांकन करने वाले बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव के नामांकन पत्र को जिला निर्वाचन अधिकारी ने बुधवार को खारिज कर दिया.

जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने मंगलवार को तेजबहादुर यादव द्वारा पेश नामांकन पत्र के दो सेटों में ‘कमियां’ पाते हुए उनसे बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने को कहा था.

यादव से कहा गया था कि वह बीएसएफ से इस बात का अनापत्ति प्रमाणपत्र पेश करें जिसमें उनकी बर्खास्तगी के कारण दिये हों. इस विषय में यादव का कहना है कि उनका नामांकन ‘प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी के दबाव के चलते तानाशाह तरीके से रद्द कर दिया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह नहीं चाहते कि मैं यहाँ से उन के खिलाफ चुनाव लड़ूं.’ उन्होंने कहा, मेरा आज नामांकन रद्द कर दिया गया जबकि मैंने बीएसएफ से अनापत्ति प्रमाण पत्र पेश कर दिया जिसे निर्वाचन अधिकारी ने मांगा था.

यादव ने संवाददाताओं से कहा, मैं किसान पुत्र हूं और यहां किसानों एवं जवानों की आवाज उठाने आया हूं. उनके वकील राजेश गुप्ता ने कहा, हम उच्चतम न्यायालय से सम्पर्क करेंगे.

गौरतलब है कि यादव ने 24 अप्रैल को पहले निर्दलीय और 29 अप्रैल को समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न पर नामांकन किया था. उन्होंने बीएसएफ से बर्खास्तगी को लेकर दोनों नामांकनों में अलग अलग दावे किये थे.

इस पर जिला निर्वाचन कार्यालय ने यादव को नोटिस जारी करते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र जमा करने का निर्देश दिया था. यह प्रमाण पत्र उन्हें बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक जमा करना था. प्रमाण पत्र जमा ना करने की स्थिति में उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया.

गौरतलब है कि नौ जनवरी, 2017 को हरियाणा के रेवाड़ी के तेज बहादुर यादव ने सेना में परोसे जा रहे भोजन को सार्वजनिक कर पूरे देश का माहौल गरमा दिया था.

यादव ने कुछ वीडियो पोस्ट किये थे, जिनमें सिर्फ हल्दी और नमक वाली दाल और साथ में जली हुई रोटियां दिखाते हुए खाने की गुणवत्ता पर उन्होंने सवाल उठाये थे.

वीडियो में उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा समेत कई स्थानों पर इस प्रकार का खाना दिया जाता है और कई बार जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है.

वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और बीएसएफ से मामले पर विस्तृत रपट मांगी थी. इस बीच तेजबहादुर ने वीआरएस के लिए आवेदन किया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया. उन्हें निर्देश दिया गया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, वह बीएसएफ नहीं छोड़ सकते.

इसके विरोध में तेज बहादुर राजौरी स्थित मुख्यालय में भूख हड़ताल पर बैठ गए थे. 19 अप्रैल को तेज बहादुर को बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया. उन पर सीमा सुरक्षा बल का अनुशासन तोड़ने को लेकर जांच की गयी थी.

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