पीएम के गोद लिए गांव में लगा पोस्टर, लिखा – ”चौकीदारों का गांव है, यहां चोरों का आना वर्जित है”
वाराणसी:लोकसभा चुनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच ‘चौकीदार’ और ‘चोर’ शब्दों को लेकर काफी गहमा-गहमी चल रही है. वहीं अब वाराणसी में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत पीएम मोदी के गोद लिए गांव ककरहिया में ग्रामीणों ने वोट मांगने आने वाले विपक्ष के तमाम नेताओं को बैनर […]
वाराणसी:लोकसभा चुनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच ‘चौकीदार’ और ‘चोर’ शब्दों को लेकर काफी गहमा-गहमी चल रही है. वहीं अब वाराणसी में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत पीएम मोदी के गोद लिए गांव ककरहिया में ग्रामीणों ने वोट मांगने आने वाले विपक्ष के तमाम नेताओं को बैनर लगाकर अल्टीमेटम दे दिया है. इस गांव के बाहर दीवार पर लिखा है कि ‘यह चौकिदारों का गांव है, यहां चोरों का आना मना है’.
ककरहिया गांव में रहने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अक्टूबर 2017 को ककरहिया गांव गोद लिया था. उनके द्वारा गांव को गोद लेने से इसका कायाकल्प हो गया. यह देश-दुनिया में चर्चित हो गया. यहां काफी विकास भी हुआ है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हवाले से राहुल गांधी ने पीएम मोदी के लिए ‘चौकीदार चोर है’ का बयान दिया था. इस मामले में अवमानना की कार्रवाई झेल रहे कांग्रेस अध्यक्ष ने आज ही सुप्रीम कोर्ट में बिना शर्त माफी मांगी है.
सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि गलती से पार्टी का राजनीतिक नारा कोर्ट के आदेश के साथ मिला कर उन्होंने यह बयान दे दिया था. बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में हुई सुनवाई में राहुल गांधी ने अपने बयान के लिए सिर्फ खेद जताया था. इस मामले में अगली सुनवाई 10 मई को होने वाली है.