CAA-NRC के खिलाफ बीएचयू के 51 प्रोफेसरों ने चलाया हस्ताक्षर अभियान
वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के 51 प्रोफेसरों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाकर अपना विरोध जताया है. सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे छात्रों की गिरफ्तारी के बाद बीएचयू और उससे संबद्ध 51 प्रोफेसरों ने यह अभियान चला कर अपना विरोध जताया […]
वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के 51 प्रोफेसरों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाकर अपना विरोध जताया है.
सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे छात्रों की गिरफ्तारी के बाद बीएचयू और उससे संबद्ध 51 प्रोफेसरों ने यह अभियान चला कर अपना विरोध जताया है. गौरतलब है कि पिछले गुरुवार को वाम संगठनों के आह्वान पर सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे करीब 12 छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. छात्रों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. उनका आरोप है कि तीन छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर के हॉस्टल से गिरफ्तार किया गया. बीएचयू के समाजशास्त्र के प्रोफेसर अजीत कुमार पांडे ने कहा, हम किसी भी कानून का विरोध नहीं करते. यदि कानून में कुछ कमियां है तो लोगों को शांतिपूर्ण ढंग से उसका विरोध करने का अधिकार है. हम किसी भी हिंसक विरोध प्रदर्शन के हिमायती नहीं हैं, परंतु किसी को वैचारिक भिन्नता कि वजह से गिरफ्तार करना लोकतान्त्रिक मूल्यों का हनन है.
हालांकि, पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने विश्वविद्यालय परिसर से किसी भी छात्र को गिरफ्तार किये जाने से इंकनर किया है. उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किये गये लोग मुख्य रूप से वाम दलों के नेता हैं, जिनमें से कुछ बीएचयू के पूर्व छात्र हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस ने बीएचयू के किसी भी छात्र को गिरफ्तार नहीं किया है. गौरतलब है कि बीएचयू छात्रों की गिरफ्तारी के बाद ही शहर के एक क्षेत्र में हिंसा फैल गयी थी, जिसमें आठ वर्षीय एक लड़के की भगदड़ मचने से मौत हो गयी थी. पुलिस ने इस हिंसा में शामिल उपद्रवियों के शहर के विभिन्न हिस्सों में पोस्टर लगाये थे. साथ ही उपद्रवियों की जानकारी देने वालों को इनाम देने की भी घोषणा की थी.