वाराणसी में सोनिया का ‘रोड शो’, दलित-ब्राह्मण वोटर्स पर है नजर
वाराणसी : ‘27 साल यूपी बेहाल’ इस उद्घोष के साथ कांग्रेस उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मैदान में कूद पड़ी है. कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ कार्यकर्ताओं का उद्घोष कार्यक्रम रखा, जो हिट रहा और अब बारी है कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की. वे आज वाराणसी में रोड […]
वाराणसी : ‘27 साल यूपी बेहाल’ इस उद्घोष के साथ कांग्रेस उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मैदान में कूद पड़ी है. कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ कार्यकर्ताओं का उद्घोष कार्यक्रम रखा, जो हिट रहा और अब बारी है कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की. वे आज वाराणसी में रोड शो करने वाली हैं. इस ‘रोड शो’ का उद्देश्य कांग्रेस पार्टी में प्राणवायु फूंकना तो है ही साथ ही इसके जरिये कांग्रेस पार्टी दलितों, ब्राह्मणों और जुलाहों को भी अपने पक्ष में करना चाहती है, जिनकी आबादी इस इलाके में अच्छी खासी है.
दलित और ब्राह्मण वोटर्स पर है नजर
कांग्रेस इस बार कमर कस कर उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के मैदान में है. उसका टारगेट वोटर दलित और ब्राह्मण हैं, इसके अतिरिक्त जुलाहों पर भी उनकी नजर है. अगर इस वोट बैंक को कांग्रेस ने साध लिया, तो प्रदेश में उसकी ‘बल्ले बल्ले’ हो सकती है. शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी इसी रणनीति के तहत बनाया गया है. वहीं दलितों के साथ होने वाले अत्याचार के मुद्दे को भी कांग्रेस जोर-शोर से संसद और संसद के बाहर उठा रही है, जिससे दलितों की सहानुभूति उसके साथ है.
केंद्र और यूपी सरकार की खोली जायेगी पोल
कांग्रेस इस रोड शो के जरिये केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की अखिलेश यादव सरकार के विकास कार्यों की सच्चाई से जनता को रूबरू कराना चाहती है. इस रोड शो में गंगा नदी की बदहाली की भी चर्चा की जायेगी. रोड शो को लेकर पार्टी कितनी तैयारी कर रही है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शीला दीक्षित, राज बब्बर, संजय सिंह और सलमान खुर्शीद जैसे नेता कल ही वाराणसी पहुंच गये थे.
कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना उद्देश्य
लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान सोनिया गांधी ने वाराणसी में प्रचार नहीं किया था. लेकिन इस बार वे मोदी को टक्कर देने के मूड में हैं, इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है. खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी अपनी स्थिति मजबूत करना चाह रही है. प्रशांत किशोर इस प्रयास में हैं कि किसी तरह उत्तर प्रदेश में पार्टी को ‘बुस्ट अप’ किया जाये, ताकि अभी चुनाव में जो समय है उसका सद्पयोग हो और परिणाम पार्टी के हित में आये.