मोदी के वाराणसी पर शीला दीक्षित ने जताया ‘हक’
वाराणसी : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सीएम कैंडिडेट शीला दीक्षित ने आज ठसक के साथ यह ऐलान किया है कि ‘ वाराणसी ने आज ही अपनी मंशा जाहिर कर दी.’ शीला दीक्षित ने यह बात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आज के रोड शो के दौरान ट्वीट करके कही. चूंकि सोनिया गांधी के रोड […]
वाराणसी : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सीएम कैंडिडेट शीला दीक्षित ने आज ठसक के साथ यह ऐलान किया है कि ‘ वाराणसी ने आज ही अपनी मंशा जाहिर कर दी.’ शीला दीक्षित ने यह बात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आज के रोड शो के दौरान ट्वीट करके कही. चूंकि सोनिया गांधी के रोड शो में जनसैलाब उमड़ पड़ा, इसलिए शीला दीक्षित का आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है.
वाराणसी ने आज ही अपनी मंशा ज़ाहिर कर दी #SoniaInKashi pic.twitter.com/AURf04h3pD
— Sheila Dikshit (@SheilaDikshit) August 2, 2016
चल रहा कांग्रेस के ‘पीके’ का जादू
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर का जादू मानो चल सा गया है. यह बात इस आधार पर कही जा रही है कि आज सोनिया गांधी के रोड शो में जिस तरह की भीड़ उमड़ी उससे लगता है कि रणनीति काम कर रही है. राहुल गांधी का कार्यकर्ताओं के साथ उद्घोष कार्यक्रम भी सफल माना गया था. शीला दीक्षित को सीएम कैंडिडेट बनाने का आइडिया भी उन्हीं का है. अब वह प्रियंका गांधी को तुरुप का पत्ता के रूप में प्रचार के दौरान इस्तेमाल करना चाहते हैं.
दलित और ब्राह्मण कार्ड खेल रही है कांग्रेस
इस बार कांग्रेस पार्टी किसी भी तरह प्रदेश की सत्ता की लगाम थामना चाहती है, यही कारण है कि उसने 12 प्रतिशत ब्राह्मण वोटर्स को लुभाने के लिए शीला दीक्षित को मैदान में उतारा. शीला दीक्षित ने तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद संभाला है. वह एक सामर्थ्यवान नेता हैं. मोदी राज में दलितों पर हो रहे अत्याचार को भी कांग्रेस खूब उभार रही है और इसके लिए नरेंद्र मोदी पर तीखे हमले कर रही है. जिसका फायदा उन्हें चुनाव में मिलेगा इसमें कोई राय नहीं है. वहीं गुलाम नबी आजाद जैसे कद्दावर मुस्लिम नेता मुसलमानों को साथ लाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. अगर प्रियंका गांधी ने अगर प्रचार की कमान संभाली तो वैसे वोटर्स जो चुनाव के दौरान धारा के साथ चलते हैं वो भी कांग्रेस के साथ आ सकते हैं.