वाराणसी: काशी की जीआई और ओडीओपी उत्पाद बनारसी साड़ी अंबानी परिवार की शादी (Ambani Marriage) में रंग बिखेरेगी. बेटे की शादी के लिए नीता अंबानी ने भी इसी ख़ास बनारसी साड़ी का ऑर्डर दिया है. देश के सबसे बड़े बिजनेस मैन मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी अपने बेटे की शादी के लिए बनारसी साड़ी खरीदने कुछ दिन पहले वाराणसी पहुंची थी. नीता अंबानी साड़ी की दुकान से लेकर बुनकर के घर तक गईं. उन्होंने करघे पर बुनकरों की बुनाई करते हुए कारीगरी को भी देखा. साथ ही बनारसी साड़ी के कारीगरों से इसकी बारीकियां भी समझीं.
100 प्रतिशत हैंडलूम और सिल्क है पहचान
जीआई एक्सपर्ट पद्मश्री डॉ. रजनीकांत ने बताया कि जीआई टैग की बनारसी साड़ी 100 प्रतिशत हैंडलूम और सिल्क (Banarasi Silk Saree) की होती है. अंबानी परिवार के बनारसी साड़ी को पसंद किये जाने से दुनिया में इसका आकर्षण बढ़ेगा. काशी की इस प्राचीन कला को जीआई टैग मिलने से विश्व में बनारसी साड़ी को अलग ही पहचान मिली है. योगी सरकार ने बनारसी साड़ी को वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट में शामिल करने से काशी के कारीगरों का हुनर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उड़ान भर रहा है. फ़िल्म इंडस्ट्री हो या देश दुनिया के सबसे बड़े औद्योगिक घराने, बनारसी साड़ी सबको खूब भाती है.
जीआई टैग मिलने से कला और बुनकरों को मिला नया जीवन
साड़ी के व्यापारी और एक्सपोर्टर प्रवीण अग्रवाल बताते हैं कि बनारसी साड़ी को जीआई उत्पाद में शामिल होने से पुरातन कला और बुनकरों को नया जीवन मिला है. अंबानी परिवार की इस शादी में जब बनारसी साड़ी पहनी जाएगी, तब इसकी चर्चा पूरी दुनिया में फिर से होगी. इससे बनारसी साड़ी का बाजार एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय फलक छुएगा. सुविधा साड़ी के मालिक और युवा उद्यमी अमित शेवारामानी बताते हैं कि मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के बेटे की शादी में विश्व भर के उद्योगपति, सेलिब्रटी, विभिन्न क्षेत्रों के शीर्षस्थ लोगों के बीच बनारसी साड़ी को एक बार फिर नई बुलंदी और हुनरमंद कारीगरों को काम मिलेगा.