काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रों ने किया धरना-प्रदर्शन, ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करवाने की मांग

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रों ने आज विश्वविद्यालय को पूरी तरह खुलवाने और ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करवाने को लेकर धरना-प्रदर्शन किया. भगत सिंह मोर्चा की ओर से आयोजित सभा में 60-70 स्टूडेंट्स ने भाग लिया.

By Prabhat Khabar News Desk | February 7, 2022 9:40 PM
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कोरोना महामारी को देखते हुए बंद चल रहे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को लेकर छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय को पूरी तरह खुलवाने और ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करवाने के लिए सेंट्रल ऑफिस पर धरना-प्रदर्शन किया. भगत सिंह मोर्चा की ओर से आयोजित सभा में अपनी बात रखते हुए छात्रों का कहना है कि उनकी पढ़ाई इससे बाधित हो रही है और जब लगभग सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी खुल चुकी हैं, तो ऐसे में काशी हिंदू विश्वविद्यालय पुरी तरह से क्यों नहीं खुल रहा है.

छात्रों ने इसके पीछे राजनीतिक मंशा को बताते हुए कहा कि बीएचयू प्रशासन और सरकार यह चाहते ही नहीं कि यूनिवर्सिटी को खोला जाए, क्योंकि सरकार तमाम विरोधी आवाजों को दबा देना चाहती है, इसलिए यूनिवर्सिटियों में पनप रहे तमाम विचारों और बहसों को रोकने के लिए वे विश्वविद्यालयों को बंद रखना चाहती है. छात्रों ने ऑफलाइन क्लास संचालित कराने और होस्टल आवंटित करने को लेकर वीसी के नाम एक ज्ञापन पत्र डीएसडब्ल्यू को सौंपा.

भगत सिंह मोर्चा की ओर से आयोजित सभा में 60-70 स्टूडेंट्स ने भाग लिया. छात्रों ने सेंट्रल ऑफिस के सामने धरना-प्रदर्शन करते हुए सभा का आयोजन किया. यहां छात्रों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव की तैयारी राजनितिक दल कर रहे हैं. इसके लिए चुनावी रैलियां तक हुई, तब कोविड गाइडलाइंस का किसी को ध्यान नहीं आया, लेकिन केवल विश्विद्यालय को ही बंद रखा गया है. जबकि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ विश्वविद्यालय समेत तमाम केंद्रीय विश्विद्यालयों को खोलना का आदेश जारी हो चुका है, केवल काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ही बंद पड़ा है, क्यों? इसके पीछे की वजह यही है कि बीएचयू प्रशासन और सरकार यह चाहते ही नहीं कि यूनिवर्सिटी को खोला जाए, क्योंकि सरकार तमाम विरोधी आवाजों को दबा देना चाहती है, इसलिए यूनिवर्सिटियों में पनप रहे तमाम विचारों और बहसों को रोकने के लिए वे विश्वविद्यालयों को बंद रखना चाहती है.

ऑनलाइन क्लास के नाम पर पिछले दो वर्षों से खानापूर्ति हो रही हैं. हमलोगों ने कई बार ऑफलाइन क्लास के लिए वीसी से बातचीत करने का प्रयास किया, लेकिन कोई बात नहीं बन पाई. पिछले दो सालों में कई बार स्टूडेंट्स ने विश्वविद्यालय खुलवाने को लेकर धरना दिया है. दिसंबर 2020 में आठ दिनों तक ठंड में दिन-रात हॉस्टल खुलवाने के लिए वीसी आवास के सामने धरना दिया, फिर मार्च-2021 में धरना चला और नवंबर-2021 में तीन दिन तक लंका गेट पर धरना चला, जिसमें बीएचयू प्रशासन और जिला प्रशासन की मिलीभगत से धरनारत छात्रों को भोर में ही पुलिस की ओर से गिरफ्तार करके थाना ले जाया गया और उन पर FIR दर्ज कर दिए गए.

ऑनलाइन क्लास के नाम पर सरकार ऑनलाइन शिक्षा और शिक्षा में निजीकरण को बढ़ावा दे रही है, इसलिए विश्वविद्यालय खुलवाने की लड़ाई के साथ नई शिक्षा नीति और निजीकरण के विरोध की लड़ाई भी जुड़नी चाहिए. धरना-प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं से बीएचयू प्रशासन की तरफ से डीएसडब्ल्यू और चीफ प्रॉक्टर समेत कुछ प्रोफेसर मिलने आए. उन्होंने जल्द ही यूनिवर्सिटी खुलने का आश्वासन दिया, लेकिन कोई तारीख नहीं दी. केवल 5 छात्रों की मीटिंग वीसी से करवाने के लिए जरूर आश्वासन दिया.

धरनारत छात्र-छात्राओं ने VC के नाम का ज्ञापन डीएसडब्ल्यू को सौंपा, जिसमें यह मांग की गई है कि तत्काल ऑफलाइन कक्षाएं शुरू की जाए और सभी को हॉस्टल आवंटित किए जाए. ज्ञापन में छात्र-छात्राओं ने लिखा है कि यह मांग जल्दी ना मानने पर वे एक बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. धरना-प्रदर्शन में संगीता, तेजस्विता, अमन, राहुल, अभिनव, नीरज, गुंजन, संदीप, आकांक्षा, इप्शिता समेत कई छात्र छात्राएं शामिल रहे.

रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी

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