वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में बने व्यास जी के तहख़ाने में बुधवार आधी रात के बाद से पूजा शुरू हो गई. सुबह तड़के मंगला आरती भी हुई. अदालत के फ़ैसले के कुछ ही घटों बाद ही पूजा के सारे इंतज़ाम कर लिए गए थे. विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओम प्रकाश मिश्रा और अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविड़ ने पूजा की.
वाराणसी की जिला अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का आदेश दिया था. कोर्ट ने तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेंद्र पाठक को दिया है. उन्होंने बताया कि जिला न्यायाधीश ने अपने आदेश में जिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा है कि वादी शैलेन्द्र व्यास तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा तय किये गए पुजारी से व्यास जी के तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा और राग भोग कराए जाने की व्यवस्था करे.
बताया जा रहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद रात को ही बैरिकेडिंग हटा दी गई थी. विश्वनाथ मंदिर के सामने से रास्ता बनाकर व्यास जी के तहखाने में आने जाने की व्यवस्था की गई. मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा भी रात को ही विश्वानाथ मंदिर पहुंच गए थे.
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ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने के समक्ष बैठे नंदी महाराज के सामने लगी बैरीकेडिंग को हटाकर रास्ता व्यास जी के तहखाने का रास्ता खोला जाएगा. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी/ रिसीवर सेटेलमेंट प्लॉट नं. 9130 थाना-चौक, जिला वाराणसी में स्थित भवन के दक्षिण की तरफ स्थित तहखाने, जो कि वादग्रस्त सम्पत्ति है, वादी तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड के द्वारा नाम निर्दिष्ट पुजारी से पूजा, राग-भोग, तहखाने में स्थित मूर्तियों का कराये और इस उद्देश्य के लिये सात दिन के भीतर लोहे की बाड़ आदि में उचित प्रबंध करें.
हिन्दू पक्ष का कहना था कि नवंबर 1993 तक सोमनाथ व्यास जी का परिवार उस तहखाने में पूजा पाठ करता था, जिसे तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार के शासनकाल में बंद करा दिया गया था.
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