लखनऊ: आईपीएस अनिरुद्ध कुमार का रिश्वत मांगते हुए वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. यह वीडियो आईपीएस की वाराणसी में तैनाती के दौरान का है. इसमें वह एक स्कूल के सफाई कर्मचारी को दुष्कर्म के केस से बचाने के लिये रिश्वत मांग रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस मामले में आईपीएस अनिरुद्ध कुमार को क्लीन चिट मिल चुकी है. लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद फिर से मामले की जांच करायी जा रही है.
आईपीएस अनिरुद्ध कुमार के साथ ही उनकी पत्नी आईपीएस आरती सिंह का एक किरायदारी के विवाद का पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल है. इस पत्र में फ्लैट मालिक ने आरती सिंह द्वारा किराया न देने की शिकायत डीजीपी से की है. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डीएस चौहान ने अनिरुद्ध सिंह को क्लीन चिट देने और आरती सिंह के किरायदारी के विवाद की तीन दिन के भीतर जांच करके रिपोर्ट देने के आदेश वाराणसी कमिश्नरेट को दिये हैं.
बताया जा रहा है कि वायरल वीडियो में 2018 बैच के आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध कुमार वर्तमान में मेरठ में एएसपी ग्रामीण के पद पर तैनात हैं. वह एक व्यापारी से वीडियो में लेन-देन की बात कर रहे हैं. इस वीडियो के वायरल होने के बाद से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा है. वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट करके इस पर टिप्पणी कर दी है.
मेरठ पुलिस प्रशासन ने इस वीडियो को दो साल पुराना होने की जानकारी दी है. साथ ही ट्वीट किया है कि वीडियो का संबंध मेरठ से नहीं है. इस मामले में जांच भी हो चुकी है. बताया जा रहा है कि दो साल पहले जब यह मामला सामने आया था तो डीजीपी मुख्यालय में इसकी गोपनीय जांच करायी थी. जब आईपीएस अनिरुद्ध कुमार को क्लीन चिट दे दी गयी थी. अब यह वीडियो वायरल होने के बाद अनिरुद्ध की मुश्किलें बढ़ गयी हैं.
इसके अलवा आईपीएस अनिरुद्ध कुमार की पत्नी आईपीएसआरती सिंह वर्तमान में वाराणसी कमिश्नरेट में डीसीपी वरुणा जोन के पद पर तैनात हैं. उन पर फ्लैट मालिक को किराया नहीं देने का आरोप लगाया गया है. साथ ही पुलिस में होने की धमकी की बात भी कही गयी है. जबकि दावा किया जा रहा है कि आरती सिंह मकान मालिक को किराए का भुगतान कर दिया है. इस मामले में भी डीजीपी ने वाराणसी कमिश्नरेट से रिपोर्ट मांगी है.
उधर आईपीएस के रिश्वत लेने के मामले का वीडियो वायरल होने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट के माध्यम से सरकार पर हमला किया है. उन्होंने लिखा है कि ‘उत्तर प्रदेश में एक आईपीएस की वसूली के इस वीडियो के बाद क्या बुलडोज़र की दिशा उनकी तरफ़ बदलेगी या फिर फ़रार आईपीएस की सूची में एक नाम और जोड़कर संलिप्त भाजपा सरकार ये मामला भी रफ़ा-दफ़ा करवा देगी। उप्र की जनता देख रही है कि ये है अपराध के प्रति भाजपा की झूठी ज़ीरो टालरेंस की सच्चाई.’
उप्र में एक आईपीएस की वसूली के इस वीडियो के बाद क्या बुलडोज़र की दिशा उनकी तरफ़ बदलेगी या फिर फ़रार आईपीएस की सूची में एक नाम और जोड़कर संलिप्त भाजपा सरकार ये मामला भी रफ़ा-दफ़ा करवा देगी।
उप्र की जनता देख रही है कि ये है अपराध के प्रति भाजपा की झूठी ज़ीरो टालरेंस की सच्चाई। pic.twitter.com/JsMAhzRFPU
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 12, 2023