पद्म विभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र ने संगीत के माध्यम से लता मंगेशकर के दी श्रद्धांजलि, कही ये बात
काशी के शास्त्रीय संगीत के पद्म विभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र ने अपने संगीत के माध्यम से स्वर कोकिला लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर जी के जाने से संगीत की दुनिया सुनी हो गई.
काशी के शास्त्रीय संगीत के पद्म विभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र ने अपने संगीत के माध्यम से स्वर कोकिला लता मंगेशकर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. अपनी स्मृतियों के दौरान उन्होंने लता मंगेशकर के साथ मुंबई के कुछ यादों को भावुक होकर साझा किया. उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर जी के जाने से संगीत की दुनिया सुनी हो गई.
छन्नूलाल मिश्र ने इस दौरान “दुनिया दर्शन का है मेला चित समझे कोई अलबेला, अपनी करनी पार उतरनी गुरु हो या चाहे चेला, जैसे गाने गाये. उन्होंने कहा कि लता मंगेश्कर जी सुरों की देवी थी, वे संगीत के साथ-साथ अपने पिताजी की भी पूजा करती थी. मुंबई में 5 बार लता मंगेशकर जी से मुलाकात हुई थी. वे मुझे भैया कहकर संबोधित करती थी और मैं दीदी कहता था. लता दीदी के अंदर जरा सा भी अभिमान नहीं था. वे सभी से बड़े ही प्रेम और आदर सम्मान से मिलती थी. जब भी मुंबई में हमारा कार्यक्रम होता था, वे हमें सुनने के लिए आती थी. उनके जाने से ऐसा लग रहा है कि पूरा संगीत जगत सुना हो गया है.
लता मंगेशकर जी को भूलना असंभव है. उनका स्वर उनके गाने अनादिकाल तक चलते गूंजते रहेंगे. मैं उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए यही कहूंगा कि वे जहां भी रहे जिस भी लोक में रहे हमेशा खुश रहे. उनके रिक्त स्थान की पूर्ति कोई नहीं कर पायेगा.
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रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी