Varanasi News: बिना जांच मामला दर्ज करने पर कमिश्नर नाराज, एसओ नागेश सिंह को किया लाइन हाजिर

Varanasi News: धीरज तिवारी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने के चंद घंटों के बाद ही सारनाथ थाने की पुलिस ने मामले को खारिज कर दिया. बिना जांच-पड़ताल के दर्ज मुकदमे से सीपी इतने नाराज एसओ नागेश सिंह को लाइन हाजिर करते हुए तत्काल विभागीय जांच बैठा दी.

By Prabhat Khabar News Desk | October 9, 2021 1:06 PM
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Varanasi News Update: अंडरवर्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का खुद को गुरु कहने वाले माफिया सुभाष ठाकुर, वाराणसी बीजेपी महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय समेत 6 के ऊपर सारनाथ थाने में आपराधिक साजिश, बलवा और धमकाने सहित अन्य आरोपों में मामला दर्ज कर लिया गया. धीरज तिवारी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने के चंद घंटों के बाद ही सारनाथ थाने की पुलिस ने मामले को खारिज कर दिया. बिना जांच-पड़ताल के दर्ज मुकदमे से सीपी इतने नाराज एसओ नागेश सिंह को लाइन हाजिर करते हुए तत्काल विभागीय जांच बैठा दी.

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सारनाथ थाना अंतर्गत लेढ़ूपुर निवासी धीरज तिवारी के अनुसार वो विधि स्नातक के छात्र हैं. उन्होंने 4 मार्च 2021 को चेतगंज थाने में सुभाष ठाकुर और दो अज्ञात के खिलाफ जानमाल की धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था. वो मुकदमा दर्ज कराने के बाद से ही सुभाष ठाकुर, उनका भांजा रमाकांत सिंह उर्फ मिंटू, टिंकू राय, कृपाशंकर राय, भाजपा महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय और कुछ अज्ञात लोग उनकी हत्या कराने की साजिश रच रहे हैं.

धीरज ने बताया है कि चार अक्टूबर को लेढ़ूपुर स्थित उनके आवास के बगल में स्थित चाय की दुकान पर 3 लोग आए और उन्हें ध्यान से देखने लगे. तीनों पर उन्हें शक हुआ और उन्होंने पूछताछ करनी चाही तो वो भाग निकले. इसकी चर्चा उन्होंने अपने किराएदार हिमांशु यादव से की और खुद भी डर गए. धीरज ने बताया कि उनके किराएदार हिमांशु ने 3 अक्टूबर को बताया था कि सफेद रंग की ऑल्टो कार से कुछ संदिग्ध लोग आए थे. कार सवार स्थानीय लोगों से पूछ रहे थे कि यहां पुलिस क्यों लगी है? धीरज ने उन लोगों की फोटो खींचने और वीडियो बनाने के लिए हिमांशु को भेजा तो कार सवार लोगों ने गाली-गलौज की और असलहा लेकर उसे दौड़ा दिया. इसके बाद सभी ने कहा कि धीरज को जान से मार देंगे और तुम्हें भी नहीं छोड़ेंगे. इसकी सूचना पुलिस अफसरों को दी गई, लेकिन तब तक सभी भाग निकले थे. धीरज ने कहा कि वो इन सारे घटनाक्रमों से बुरी तरह से भयभीत है.

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आशंका है कि माफिया और सत्ताधारी दल के नेताओं का गठजोड़ कभी भी उनके जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. हालांकि, पुलिस कमिश्नर ने कहा कि बिना छानबीन के मुकदमा दर्ज किया गया था, आधारहीन केस रद्द कर दिया गया है. प्रकरण में बिना छानबीन के मुकदमा दर्ज करने पर सारनाथ थाना प्रभारी नागेश सिंह को लाइन हाजिर करके जांच बैठाई गई है.

(रिपोर्ट: विपिन सिंह, वाराणसी)

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