Varanasi: अगर आप आ रहे हैं काशी घूमने तो जरूर जाइए इन जगहों पर, वरना जिंदगी भर होगा रिग्रेट
वाराणसी को काशी के नाम से भी जाना जाता है. आज हम आपको बताएंगे यहां के कुछ महत्वपूर्ण स्थानों के बारे में, जिसके लिए काशी मशहूर है.
वाराणसी को काशी के नाम से भी जाना जाता है. यह उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है. यहां देश-विदेश से लोग घूमने आते हैं. आज हम आपको बताएंगे यहां के कुछ महत्वपूर्ण स्थानों के बारे में, जिसके लिए काशी मशहूर है.
काशी विश्वनाथ मंदिर
काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और वाराणसी की प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है. यह मंदिर हिन्दू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है. इस मंदिर का निर्माण महारानी अहिल्या बाई होल्कर द्वारा सन् 1780 में करवाया गया था. इसके बाद महाराजा रणजीत सिंह द्वारा 1835 में 1000 कि. ग्रा शुद्ध सोने द्वारा बनवाया गया था.
दशाश्वमेध घाट
काशी में घूमने के लिए दशाश्वमेध घाट सबसे अच्छा जगह है. यह गंगा नदी किनारे स्थित है. यह हर रोज गंगा की भव्य आरती होती है. जिसमें विदेशों से भी सैलानी आते हैं. दशाश्वमेध घाट पर आरती के समय मेले जैसा माहौल होता है.
सरनाथ
सारनाथ वाराणसी में स्थित है और यह गौतम बुद्ध के धम्म की पहली स्थली थी, जहां उन्होंने अपनी पहली सत्यवाचनी (बुद्ध धम्म का प्रथम बोधन) दी थी.
सारनाथ की मुख्य विशेषताएं
धर्मचक्र प्रवर्तन: सारनाथ उन्हीं स्थलों में से एक है जहां भगवान बुद्ध ने अपनी पहली सत्यवाचनी के पश्चात् “धर्मचक्र प्रवर्तन” किया था. इसका मतलब होता है कि यहां पर उन्होंने धर्म का पहला चक्र प्रारंभ किया और अपने पहले पंचशील की बात की थी.
बौद्ध संग्रहालय: सारनाथ में एक बौद्ध संग्रहालय है जहां प्राचीन बौद्ध शिलालेख, मूर्तियां, और अन्य आवश्यक वस्त्रों का प्रदर्शन किया जाता है.
अशोक स्तंभ: सारनाथ में एक अशोक स्तंभ है जिस पर अशोक के नियमों का अंकन किया गया है. यह स्तंभ प्राचीनकालीन भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण इतिहास रखता है.
अस्सी घाट
वाराणसी के घाटों (Varanasi Ghat) में बेहद प्रमुख स्थान रखने वाले अस्सी घाट के बारे में एक और पौराणिक कथा भी प्रचलित है कि भगवान शिव के ही एक रूप भगवान रूद्र ने गुस्से में आकर इसी जगह पर 80 दैत्यों का वध कर दिया था और इसी वजह से यह जगह अस्सी के नाम से विख्यात हो गया. यह भी कहा जाता है कि इन राक्षसों का विनाश करने के बाद भगवान रुद्र को बड़ा अफसोस हुआ था और इस वजह से उन्होंने हमेशा के लिए हिंसा का रास्ता छोड़ दिया. साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा कर दी थी कि भविष्य में काशी एक ऐसी जगह के रूप में विख्यात होगी, जहां कि हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं होगा और यहां रहने वाले अहिंसा के उपासक होंगे.
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रामनगर किला
वाराणसी में कई सारे धार्मिक स्थल है, जहां आप अपनी फैमिली के साथ जा सकते हैं. उन्हीं जगहों में से एक है रामनगर किला. यह किला तुलसी घाट पर है. इस बनारस के राजा बलवंत सिंह ने 1750 ईस्वी में बलुआ पत्थर से बनाया गया था. अगर आप काशी आ रहे हैं तो रामनगर किला जरूर जाएं.