बीएचयू आईआईटी परिसर में छात्रा के साथ हुए छेड़खानी के विरोध में आईआईटीयंस का धरना, प्रदर्शन के बाद सुरक्षा के उद्देश्य से दीवार बनवाने का निर्णय लिया गया था. इसके बाद से ही बीएचयू में छात्र धरना, प्रदर्शन करने के साथ ही पुतला भी फूंक कर विरोध जता रहे थे. इस बीच बीएचयू कुलपति और आईआईटी निदेशक की मौजूदगी में बैठक के दौरान मौजूद सदस्यों ने एकमत से सहमति जताई कि आईआईटी बीएचयू परिसर में किसी भी तरह की कोई दीवार नहीं बनेगी. बाउंड्री वॉल से आईआईटी-बीएचयू की सुरक्षा संबंधी समस्याओं का समाधान संभव नहीं है. बीएचयू और आईआईटी परिसर में पहले के मुकाबले सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत की जाएगी. रविवार को बीएचयू कुलपति प्रो. सुधीर जैन, आईआईटी बीएचयू निदेशक प्रो. पीके जैन की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इसका फैसला हुआ. तीन घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में दोनों संस्थानों ने विश्वविद्यालय परिसर में समन्वित ढंग से सुरक्षा बढ़ाने, शांतिपूर्ण व सुरक्षित परिसर से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई.
सदस्यों ने एकमत से सहमति जताई कि वर्तमान में अनेक संकाय, इकाइयां व सेवाएं जैसे चिकित्सालय, सीवेज व्यवस्था, बिजली व जल आपूर्ति, पोस्ट ऑफिस, परिसर की सड़कें आदि साझा रूप से प्रयोग में लाई जाती हैं. ऐसे में परिसर को विभाजित करना और दीवार से किसी एक भाग को अलग करना तर्कसंगत नहीं है. दोनों संस्थानों ने पूरे परिसर में विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यकतानुसार कदम उठाने की प्रतिबद्धता दोहराई. बीएचयू प्रशासन की ओर से विद्यार्थियों से सभी नियमों, प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की गई. बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि सभी बिंदुओं को तत्काल प्रभाव से अमल में लाया जाएगा और इनका सुचारू अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे.
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परिसर में सुरक्षा और सुरक्षित वातावरण के मुद्दे पर दोनों संस्थानों के संकाय सदस्यों की एक संयुक्त समिति गठित कर दी गई है. यह समिति आपस में समन्वय कर बीएचयू परिसर में विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए कदम सुझाएगी. समिति दोनों संस्थानों के प्रमुखों को सीधे रिपोर्ट करेगी. चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू ऐनाटॉमी विभाग की प्रो. रोयना सिंह समिति की अध्यक्ष होंगी. इसमें आईआईटी-बीएचयू स्थित केमिकल इंजीनियरिंग के प्रो. राजेश कुमार उपाध्याय को सह अध्यक्ष होंगे. इसके अलावा आईएमएस-बीएचयू से प्रो. ललित मोहन अग्रवाल एवं आईआईटी-बीएचयू के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. आरके सिंह समिति के सदस्य बनाए गए हैं.
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बीएचयू और आईआईटी बीएचयू परिसर में सीसीटीवी निगरानी में तेजी लाई जाएगी. इसके लिए वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड से सहयोग लिया जा रहा है. ताकि विश्वविद्यालय में आधुनिक सीसीटीवी निगरानी व्यवस्था स्थापित की जा सके. स्मार्ट सिटी की टीम की ओर से परिसर का सर्वे किया जा चुका है.
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परिसर के मार्गों पर प्रकाश की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. अगले दो दिन के भीतर परिसर स्थित मार्गों पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था हो जाएगी.
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परिसर स्थित सुरक्षा अवरोधकों, चेक पोस्ट को और मजबूत किया जा रहा है. साथ ही साथ यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि चौबीसों घंटे सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से अनुपालन हो.
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परिसर के सभी सातों द्वारों पर रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कड़ी निगरानी व सुरक्षा की जा रही है, जिससे असामाजिक तत्वों का बीएचयू परिसर में प्रवेश रोका जा सके.
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आईआईटी(बीएचयू) और बीएचयू दोनों ही संस्थानों में महिला शिकायत निवारण प्रकोष्ठ है. दोनों संस्थान इन प्रकोष्ठों को और सशक्त करने एवं इनमें विद्यार्थियों की अधिक प्रतिभागिता को प्रोत्साहित व सुनिश्चित करेंगे. दोनों संस्थान सात दिन के भीतर अपने यहां जीएसकैश प्रावधानों की समीक्षा करेंगे. महिला शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के संबंध में आवश्यकतानुसार सुधार के लिए कदम सुझाएंगे.