Loading election data...

Money Laundering: कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत को मिला ईडी का समन, पूछताछ के लिए तलब

Money Laundering: कांग्रेस नेता एवं उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत और उनकी पुत्रवधू को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के एक मामले के सिलसिले में पूछताछ के लिए तलब किया है. सूत्रों ने बताया कि रावत से 29 फरवरी और उनकी पुत्रवधू अनुकृति से सात मार्च को यहां संघीय एजेंसी के समक्ष बयान […]

By Agency | February 23, 2024 9:42 PM

Money Laundering: कांग्रेस नेता एवं उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत और उनकी पुत्रवधू को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के एक मामले के सिलसिले में पूछताछ के लिए तलब किया है. सूत्रों ने बताया कि रावत से 29 फरवरी और उनकी पुत्रवधू अनुकृति से सात मार्च को यहां संघीय एजेंसी के समक्ष बयान दर्ज कराने को कहा गया है. एजेंसी ने सात फरवरी को रावत और अन्य के परिसरों की तलाशी ली थी. इसने तलाशी के दौरान लगभग 1.20 करोड़ रुपये मूल्य की भारतीय और विदेशी मुद्रा, सोना और काफी संख्या में दस्तावेज जब्त किये थे.एजेंसी द्वारा तलाशी के एक दिन बाद जारी एक अधिकारिक बयान में यह नहीं बताया गया था कि क्या-क्या बरामद किया गया.

ईडी ने रावत के करीबी सहयोगी बीरेंद्र सिंह कंडारी, भारतीय वन सेवा के अधिकारी एवं पूर्व संभागीय वन अधिकारी किशन चंद और पूर्व वन क्षेत्र अधिकारी बृज बिहारी शर्मा के खिलाफ जांच कर रही है. बता दें, रावत राज्य के पूर्व वन मंत्री हैं और 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गये थे. ईडी के अनुसार इन लोगों के खिलाफ जांच राज्य में दर्ज दो अलग-अलग प्राथमिकियों से उत्पन्न हुई है. उत्तराखंड पुलिस ने एक प्राथमिकी कंडारी और अन्य के खिलाफ दर्ज की थी.

फर्जीवाड़े का आरोप

एजेंसी का आरोप है कि कंडारी और नरेन्द्र कुमार वालिया नाम के व्यक्ति ने रावत के साथ मिलकर एक साजिश रची और एक भूखंड की दो ‘पावर ऑफ अटार्नी’ का पंजीकरण कराया, जिसके लिए एक अदालत ने बैनामा रद्द कर दिया था. दूसरी प्राथमिकी, राज्य सरकार के सतर्कता विभाग ने शर्मा, किशन चंद और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, वन संरक्षण अधिनियम, वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज की थी.

ईडी ने दावा किया कि तत्कालीन संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) किशन चंद और तत्कालीन ‘फॉरेस्ट रेंजर’ शर्मा ने अन्य अधिकारियों तथा रावत के साथ आपराधिक साजिश कर अधिकृत वित्तीय शक्तियों से अधिक राशि की निविदा प्रकाशित की. यह निविदा राज्य शासन के नियमों/दिशानिर्देशों के अनुरूप भी नहीं थी. ईडी ने कहा कि उन पर 6,000 से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई करने का भी आरोप है, जबकि केवल 163 पेड़ काटने की ही अनुमति थी.

Next Article

Exit mobile version