जोशीमठ मामले में सुप्रीम कोर्ट का तत्काल सुनवाई से इनकार, कहा- हर मामले के लिए हमारे पास आना जरूरी नहीं

Joshimath case : होटल मलारी इन को गिराया जाएगा. इसके नीचे भी कई घर और होटल हैं और अगर ये ज्यादा धंसेगा तो कभी भी गिर सकता है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2023 1:11 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने जोशीमठ मामले पर मंगलवार को तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है. शीर्ष अदालत ने इसपर सुनवाई के लिए अब 16 जनवरी की अगली तारीख मुकर्रर की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर मामले में शीर्ष अदालत आने की आवश्यकता नहीं है. इस पर लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित संस्थाएं काम में लगी हुईं हैं. आपको बता दें कि मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.

सीधे न्यायालय के पास नहीं आनी चाहिए

सुप्रीम कोर्ट उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने से उत्पन्न संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिये अदालत के हस्तक्षेप के अनुरोध वाली याचिका पर 16 जनवरी को सुनवाई करने पर मंगलवार को सहमत हो गया. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने हालांकि, तत्काल सुनवाई के लिए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा दायर याचिका को सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया और कहा कि हर जरूरी चीज सीधे न्यायालय के पास नहीं आनी चाहिए.

होटल मलारी इन को गिराया जाएगा

मणिकांत मिश्रा (SDRF कमांडेंट) ने कहा कि होटल मलारी इन को गिराया जाएगा. इसे चरणबद्ध तरीके से गिराया जाएगा. ये होटल टेड़े हो गए हैं. इसे तोड़ना जरूरी है क्योंकि इसके नीचे भी कई घर और होटल हैं और अगर ये ज्यादा धंसेगा तो कभी भी गिर सकता है. CBRI के एक्सपर्ट आ रहे हैं वेअधिक तकनीकी जानकारी देंगे.

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मलारी इन के मालिक ने क्या कहा

मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने कहा कि मुझे केंद्र और राज्य सरकार से बहुत तकलीफ है. ये होटल जनहित में तोड़ा जा रहा है कोई बात नहीं मैं प्रशासन के साथ हूं. बस मुझे नोटिस देना चाहिए और मेरा आर्थिक मूल्यांकन कर देना चाहिए, मैं यहां से चला जाऊंगा. मेरा आग्रह है आर्थिक मूल्यांकन किया जाए.

DM हिमांशु खुराना ने क्या कहा

चमोली के DM हिमांशु खुराना ने कहा है कि हमने असुरक्षित जोन घोषित किये हैं. वहां से लोगों को निकालने का सिलसिला जारी है, ज्यादातर लोगों को निकाल लिया गया है. सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की की टीम यहां आ रही है. उनके दिशानिर्देश पर असुरक्षित घरों को ध्वस्त किया जाएगा.

जमीन धंसने के कारण बड़ी चुनौती

गौर हो कि बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों और अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग गंतव्य औली का प्रवेश द्वार कहलाने वाला जोशीमठ जमीन धंसने के कारण एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है. जोशीमठ में जमीन धीरे-धीरे धंस रही है और घरों, सड़कों और खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ रही हैं. स्थानीय लोगों ने कहा कि कई घर धंस गये हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोखिम वाले घरों में रह रहे 600 परिवारों को तत्काल वहां से हटा कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का आदेश दिया है.

भाषा इनपुट के साथ

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