41 मजदूरों के पास पहुंच गई NDRF की टीम, पढ़ें 12 नवंबर को सुरंग में फंसने से लेकर रेस्क्यू तक का पूरा टाइमलाइन

12 नवंबर से अंधेरी सुरंग में दिन रात काटने के बाद आखिरकार 28 नवंबर को मजदूरों के टनल से निकलने का रास्ता साफ हो गया है. 17 दिनों तक टनल के अंदर जिंदगी की आस लगाये मजदूरों का एक-एक पल पहाड़ सा बीता है. 12 नवंबर को सुरंग में फंसने के बाद मजदूरों को कई बाधाओं से गुजरना पड़ा.

By Pritish Sahay | November 28, 2023 4:04 PM

uttarKashi Tunnel Accident: 12 नवंबर से अंधेरी सुरंग में दिन रात काटने के बाद आखिरकार आज यानी 28 नवंबर को मजदूरों के टनल से निकलने का रास्ता साफ हो गया है. 17 दिनों तक टनल के अंदर जिंदगी की आस लगाये मजदूरों का एक-एक पल पहाड़ सा बीता है. 12 नवंबर को सुरंग में फंसने से लेकर रेस्क्यू तक कई बाधाओं से गुजरने के बाद आखिरकार रेस्क्यू फाइनल हो पाया है. 12 नवंबर से आज यानी 28 नवंबर तक मजदूरों को बचाने के लिए क्या कदम उठाए गए इसकी टाइमलाइन कुछ ऐसी रही.

12 नवंबर: इस दिन टनल का एक हिस्सा ढहने लगा. सुरंग का एक हिस्सा मलबे की एक मोटी परत से ढक गया. टनल में काम कर रहे 41 मजदूर फंस गये. देखते ही देखते अफरा-तफरी का माहौल शुरू हो गया.  युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन की तैयारी होने लगी. टनल में पानी निकालने के लिए लगाई गई पाइप लाइन से मजदूरों के लिए ऑक्सीजन, खाना-पानी और दवाइयां भेजी जाने लगी. तत्काल प्रभाव में बचाव कार्य शुरू किया गया. एनडीआरएफ (NDRF), आईटीबीपी (ITBP) समेत कई और टीमों का रेस्क्यू में लगाया गया.

13 नवंबर : मजदूरों का रेस्क्यू जारी रहा. टनल के अंदर से 25 मीटर तक मिट्टी के अंदर पाइप लाइन डाली गई. लेकिन तकनीकी कमी के कारण बचाव काम रोक देना पड़ा. पाइप के जरिये मजदूरों को खाना-पानी, ऑक्सीजन और दवा मुहैया कराई जाती रही.  

14 नवंबर: टनल से मजदूरों के रेस्क्यू के लिए विदेशी एक्सपर्ट्स की सलाह ली गई. ऑगर ड्रिलिंग मशीन और हाइड्रोलिक जैक के जरिये मलबा निकालने का काम किया गया. मजदूरों को निकालने के लिए सुरंग के अंदर 35 इंज मोटे पाइप डालकर मजदूरों को उसके जरिये निकालने का प्लान बना. हालांकि यह योजना फेल हो गई. ड्रिलिंग के लिए लाई गई ऑगर मशीन और हाइड्रोलिक जैक कारगर नहीं साबित हुई, मशीनें रेस्क्यू में फेल हो गई.

15 नवंबर : ड्रिलिंग के दौरान ऑगर मशीन में तकनीकी खराबी आने के बाद काम रोक देना पड़ा. ऑगर मशीन के पार्ट्स सुरंग में फंस गये थे, जिससे रेस्क्यू में देरी होने लगी. काम रोक देना पड़ा. वहीं काम में हो रही देरी से मजदूरों के परिजन टनल के बाहर हंगामा करने लगे. परिजनों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई.

16 नवंबर : हरक्यूलिस विमान से घटनास्थल पहुंची ऑगर मशीन के पार्ट्स को जोड़ा गया. जिसके बाद देर रात फिर से ड्रिलिंग का काम दोबारा शुरू किया गया.

17 नवंबर: ऑगर मशीन से खुदाई का काम फिर रोक देना पड़ा, क्योंकि एक बड़ा पत्थर ऑगर मशीन के रास्ते में आ गया था. वैकल्पिक समाधान को लेकर मीटिंग की गई. कई और विकल्प पर चर्चा की गई.

18 नवंबर: तकनीकी खराबी के कारण ऑगर मशीन ड्रिलिंग करने में असफल रही. अन्य स्थानों पर खुदाई करने की योजना बनी.

19 नवंबर: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी घटनास्थल पर पहुंचे उसके साथ सीएम धामी ने भी रेस्क्यू की जानकारी ली. मजदूरों के परिजनों को धामी और गडकरी ने मजदूरों के सकुशल बाहर निकालने का भरोसा दिया.

20 नवंबर : इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट ऑर्नल्ड डिक्स को बुलाया गया. उन्होंने सर्वे कर दो स्थानों को ड्रिलिंग के लिए चिन्हित किया. इन्होंने कहा की 25 दिसंबर यानी क्रिसमस तक का समय मजदूरों को निकालने में लग सकता है. इस दौरान पाइप के जरिये मजदूरों के खाना पानी और दवाइयां लगातार मुहैया कराई जाती रही.

21 नवंबर : सुरंग के अंदर कैमरा भेजा गया. टनल के अंदर फंसे मजदूरों का वीडियो पहली बार सामने आया. पहली बार मजदूरों से बात भी की गई.

22 नवंबर : मजदूरों को पाइप के जरिये नाश्ता, लंच और डिनर भेजा गया. सिल्क्यारा टनल में ऑगर मशीन से 15 मीटर से ज्यादा ड्रिलिंग की गई.

23 नवंबर : ड्रिलिंग के दौरान बड़ा हादसा हो गया. ऑगर मशीन की तेज कंपन मशीन का प्लेटफॉर्म धंस गया. इस कारण फिर से ड्रिलिंग का काम रोक देना पड़ा. रात भर ड्रिलिंग का काम नहीं हो पाया.

24 नवंबर : ऑगर मशीन के रास्ते में स्टील का पाइप आ गया. जिस कारण एक बार फिर काम रोक देना पड़ा.

25 नवंबर : ऑगर मशीन टूटने के कारण रेस्क्यू फिर से बाधित हो गया. ऑगर मशीन के ब्लेड फंस गये.

26 नवंबर : टनल से फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए पहाड़ की चोटी पर वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की गई. पहले दिन करीब 20 मीटर तक की खुदाई की गई. इसके अलावा एक सीधी सुरंग की भी कुदाई जारी रही.

27 नवंबर : ऑगर मशीन के फंसे ब्लेड को काटने के लिए प्लाज्मा मशीन मंगाई गई. वर्टिकल खुदाई जारी रही. प्लाज्मा मशीन से ऑगर मशीन के टूटे पार्ट्स को काटा गया.

28 नवंबर : सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को 17वें दिन यानी 28 नवंबर को सुरंग से सकुशल बाहर निकाले जाने की पूरी व्यवस्था कर ली गई है. 28 नवंबर को दोपहर में रेस्क्यू टीम सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंची और टनल में पाइप डालने का काम पूरा हुआ. सुरंग के बाहर एंबुलेंस और डॉक्टर भी  बुला लिए गए हैं. इसी के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर को भी टनल में भेज दिया गया है. उम्मीद की जा रही है कि अब थोड़ी ही देर में मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा. जानकारी के अनुसार उन्हें सीधे अस्पताल भेजा जाएगा. एक एंबुलेंस को सुरंग के अंदर ले जाया जा रहा है ताजा अपडेट के मुताबिक पाइप डालने का काम पूरा हो गया है. यह सूचना भी है कि मजदूरों के साथ उनके परिजन भी अस्पताल जाएंगे.

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