पश्चिम बंगाल के संदेशखाली (Sandeshkhali) में प्रदर्शन के दौरान आसनसोल साउथ की विधायक सह भाजपा प्रदेश कमेटी की सचिव अग्निमित्रा पाल व शुभेंदु अधिकारी द्वारा ड्यूटी पर तैनात सिख पुलिस अधिकारी को खालिस्तानी कहने के मुद्दे को लेकर सिख समाज में उबाल आ गया है. कोलकाता, आसनसोल समेत जिलों में जगह- जगह पर सिख समुदाय की ओर से प्रदर्शन शुरु हो गया है. सिख समुदाय की मांग है कि भाजपा नेताओं के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए वरना यह प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेगा.
आसनसोल एक ऐसा संसदीय क्षेत्र हैं जहां सिख वोटरों की संख्या सबसे अधिक
गौरतलब है कि श्रीमती पाल ने संदेशखाली में प्रदर्शन के दौरान एक वरिष्ठ सिख पुलिस अधिकारी को खालिस्तानी कह दिया. जिसपर पुलिस अधिकारी ने कड़ा विरोध किया. इसका वीडियो जमकर वायरल हुआ. जिसके उपरांत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने एक्स हैंडल में इसे लेकर टिप्पणी भी की. इस घटना को लेकर पूरे सिख समाज में काफी नाराजगी है. पूरे राज्य में आसनसोल एक ऐसा संसदीय क्षेत्र हैं जहां सिख वोटरों की संख्या सबसे अधिक है. यहां 60 हजार से अधिक सिख वोटर हैं. एक वरिष्ठ प्रशानिक अधिकारी ने कहा कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों, थाना प्रभारियों से लेकर बड़े अधिकारियों और बीडीओ से लेकर अन्य अधिकारियों के प्रति श्रीमती पाल का रवैया काफी असंवेदनशील रहा है.
शुभेंदु अधिकारी ने आरोपों को किया खारिज
दूसरी ओर संदेशखाली में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए विरोधी दल के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि इस तरह के शब्द का इस्तेमाल पार्टी के किसी भी नेता ने नहीं किया है. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि देश को आजादी दिलाने में सिख समुदाय के योगदान को कभी भूला नहीं जा सकता है. सीमाओं पर जब युद्ध होता है, तो उनका योगदान अहम होता है. सिखों के बारे में इस तरह की बात हम नहीं कर सकते, न कभी कह सकते हैं. वे लोग सच्चे राष्ट्रवादी हैं. वह सिख धर्म का काफी सम्मान करते हैं.