प्रथम चरण के चुनाव में सभी बूथ पर तैनात रहेंगे जवान
कोलकाता.
भूपतिनगर की घटना ने चुनाव आयोग को भी हिला कर रख दिया है. इस कारण आयोग ने और 100 कंपनी केंद्रीय बलों को बुलाने का निर्णय लिया है. इस घटना से पहले आयोग ने पहले चरण के चुनाव में केंद्रीय बलों की कुल 160 कंपनियां तैनात करने की योजना बनायी थी. प्रथम चरण में 102 सीटों के लिए मतदान होगा. राज्य में फिलहाल 177 कंपनियां पहुंच चुकी है. एक साथ 102 सीटों पर हो रहे चुनाव के कारण आयोग बंगाल में प्रथम चरण के चुनाव में सभी सीटों पर केंद्रीय बलों को तैनात नहीं कर पा रहा है.राज्य में पहले चरण में 19 अप्रैल को कूचबिहार, अलीपुरदुआर और जलपाईगुड़ी में मतदान होगा. इस बाबत राज्य में पुलिस पर्यवेक्षक अनिल शर्मा और जनरल ऑब्जर्वर आलोक सिन्हा ने एक अहम बैठक की. दोनों पर्यवेक्षकों ने राज्य पुलिस के नोडल आफिसर आनंद कुमार, सीएपीएफ के नोडल ऑफिसर, राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीइओ) डॉ आरिज आफताब, कोलकाता पुलिस के सीपी विनीत गोयल के साथ बैठक की.गृह मंत्रालय से बातचीत के बाद लिया निर्णय
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य में वर्तमान कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए चुनाव आयोग के पर्यवेक्षकों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के आला अधिकारियों के साथ फोन पर बातचीत की. फोन पर हुए वार्तालाप के बाद आयोग ने प्रथम चरण के चुनाव से पहले राज्य में और 100 कंपनी केंद्रीय बल के जवानों को तैनात करने का निर्णय लिया. अगले सप्ताह बुधवार तक 100 कंपनी पुलिस बल राज्य में पहुंच जायेगी. गृह मंत्रालय से बातचीत के बाद इस बात की पुष्टि हुई कि फिलहाल पहले चरण के चुनाव के लिए तेलंगाना, गुजरात, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से पुलिस मंगाई जायेगी. जिसका उपयोग केन्द्रीय बल के रूप में किया जायेगा. बता दें कि देश के मुख्य चुनाव आयोग ने पहले ही आश्वासन दिया था कि राज्य के हर पोलिंग बूथों पर केंद्रीय बलों को तैनात किया जायेगा. मुख्य चुनाव आयोग की घोषणा पर आयोग की मुहर लग गयी है.
इन्हें भी किया जा सकता है तैनात
पहले चरण के चुनाव में प्रत्येक बूथ पर केंद्रीय बलों को तैनात करने के लिए 350 कंपनियों की आवश्यकता है. चुनाव कार्य के लिए आयोग की मांग के अनुरूप केंद्रीय बलों को उपलब्ध कराने में केंद्र को मशक्कत करनी पड़ रही है. सूत्रों के मुताबिक, सिर्फ बंगाल ही नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों ने आयोग को पत्र भेजकर अतिरिक्त फोर्स की मांग की है. आयोग ने शुरुआत से ही कई राज्यों की पहचान की है जहां अतिरिक्त बलों की जरूरत है. उधर, बंगाल में सात चरण के चुनाव के लिए करीब एक हजार केंद्रीय बलों को भेजे जाने की योजना बनायी गयी थी. लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर एक से अधिक राज्य अतिरिक्त बल चाहेंगे तो सीआरपीएफ को यह कहां से मिलेगा? सूत्रों के मुताबिक, जो लोग अभी सीआरपीएफ में ट्रेनिंग कर रहे हैं या ऐसे जवान जिनकी छह महीने की ट्रेनिंग बाकी है, उन्हें एक ग्रुप बनाकर काम में लिया जा सकता है. इन्हें ””””””””स्टेटिक ड्यूटी”””””””” देने का विचार किया जा रहा है. इस संबंध में विभिन्न सीआरपीएफ मुख्यालयों में तैनात जवानों का उपयोग करने का विचार है.