ममता की चुनाव आयोग को चुनौती

कोलकाता/बर्दवान/पानागढ़: मुख्य चुनाव आयुक्त के दौरे के बाद राज्य के एक जिलाधिकारी और पांच पुलिस अधीक्षकों (एसपी) के तबादले के निर्वाचन आयोग के निर्देश से खफा मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सोमवार को चुनाव आयोग को खुली चुनौती दी. उन्होंने कहा कि तबादला आदेश दिये जाने से पहले राज्य सरकार से कोई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2014 9:36 AM

कोलकाता/बर्दवान/पानागढ़: मुख्य चुनाव आयुक्त के दौरे के बाद राज्य के एक जिलाधिकारी और पांच पुलिस अधीक्षकों (एसपी) के तबादले के निर्वाचन आयोग के निर्देश से खफा मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सोमवार को चुनाव आयोग को खुली चुनौती दी. उन्होंने कहा कि तबादला आदेश दिये जाने से पहले राज्य सरकार से कोई चर्चा नहीं की गयी.

वह इस तबादला आदेश को स्वीकार नहीं करती हैं. चुनावी सभाओं को संबोधित करते समय ममता काफी नाराज दिख रही थीं. सभा के दौरान ही उन्हें जिलाधिकारी व पांच पुलिस अधीक्षकों के तबादले की सूचना मिली. उन्होंने कहा कि यह दिल्ली की सत्ता हासिल करने की लड़ायी है. चुनाव आयोग कांग्रेस, भाजपा और माकपा के साथ मिल गया है. क्षेत्रीय पार्टियों की शिकायतें नहीं सुनी जा रही हैं. राज्य सरकार को विश्वास में लिए बिना तबादलों के आदेश जारी किये गये हैं.

गौरतलब है कि मुख्य चुनाव आयुक्त कार्यालय ने मालदा, बीरभूम, बर्दवान, पश्चिमी मिदनापुर और मुर्शिदाबाद के पुलिस अधीक्षकों व उत्तर 24 परगना के जिला मजिस्ट्रेट को स्थानांतरित करने के निर्देश दिये हैं. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुनील गुप्ता ने यह जानकारी दी. ममता ने सोमवार को बर्दवान पूर्व लोकसभा क्षेत्र के पार्टी उम्मीदवार सुनील मंडल के समर्थन में बलागढ़, पांडुया तथा जमालपुर में चुनावी सभाओं को संबोधित किया.

उन्होंने कहा कि पश्चिमी मेदिनीपुर की पुलिस अधीक्षक भारती घोष ने राजनीतिक हिंसा रोकने में सफलता हासिल की है. वहां शांति का माहौल है. उनके तबादले से उत्पन्न स्थिति को नियंत्रित कौन करेगा? उन्होंने कहा कि राज्य में अशांति होने से किसको फायदा होगा? इसके लिए जिम्मेवार कौन होगा? उन्होंने कहा कि यदि चुनाव आयोग को ताकत है तो गुजरात में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का तबादला करके दिखाये. उन्होंने कहा कि वे चुनाव आयोग का आदर करती हैं, लेकिन सिर झुका कर नहीं. आयोग चाहे तो उन्हें गिरफ्तार कर सकता है. वे इससे नहीं डरती हैं. वे जनता के समर्थन से सबके खिलाफ लड़ लेंगी.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस व भाजपा जो कहेगी, चुनाव आयोग वही करेगा. चुनाव आयोग, भाजपा, कांग्रेस व माकपा साजिश कर रही हैं. ममता ने कहा कि वह मुख्यमंत्री हैं, लेकिन अधिकारियो ंको हटाने के मामले में उनसे कोई सलाह नहीं ली गयी है. यदि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती है, तो इसकी जिम्मेदारी चुनाव आयोग को लेना होगा. मेरा इस्तीफा ले लें, और चुनाव आयोग जिम्मेदारी ले. 35 वर्षो तक चुनाव आयोग कहां था. उनको ( ममता) चुनाव आयोग ने नहीं, बल्कि राज्य की जनता ने निर्वाचित किया है. बंगाल में मुर्शिदाबाद से पुलिस अधीक्षक का तबादला किया गया, क्योंकि वहां अधीर चौधरी को जीताना है. पश्चिम मेदिनीपुर से मानस भुइयां को जीतना है.

इसलिए वहां के पुलिस अधीक्षक का तबादला किया गया. वह किसी भी अधिकारी को नहीं हटायेंगी. वह किसी से नहीं डरती हैं. सुश्री बनर्जी ने उप चुनाव आयुक्त विनोद जुत्शी पर आक्रमण करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने जिस अधिकारी को राज्य का दायित्व दिया है, उनके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी किया था. उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से स्टे लिया है. सभा में उम्मीदवार सुनील मंडल, मंत्री सपन देवनाथ, जिला परिषद सभाधिपति देबू टूडू, युवा तृणमूल के बर्दवान जिला अध्यक्ष शांतनु हाजरा, जमालपुर के विधायक उज्जवल प्रमाणिक आदि मौजूद थे.

चुनाव आयोग का कहना है
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भले ही डीएम व एसपी के तबादले के चुनाव आयोग के निर्देश को न मानने की घोषणा की हो, चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कानून के तहत आयोग का निर्देश मानना होगा. राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी सुनीव गुप्ता ने कहा कि वह मुख्यमंत्री के बयान पर कुछ भी नहीं कहेंगे. कानून के मुताबिक, चुनाव संबंधी अधिकारी चुनाव आयोग के तहत होते हैं. चुनाव की घोषणा के बाद ही रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट की धारा 28(ए) के तहत राज्य सरकार ने नोटिस जारी किया था. इसके तहत पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी आयोग के तहत काम करते हैं. चुनाव प्रक्रिया के दौरान राज्य सरकार डीएम की बदली भी नहीं कर सकती. ऐसा आयोग ही कर सकता है. हालांकि सरकार द्वारा आयोग का निर्देश न मानने की सूरत में आयोग क्या कदम उठायेगा यह स्पष्ट नहीं किया गया. ममता का निर्देश न मानने संबंधी बयान क्या चुनावी आचरण संहिता का उल्लंघन है, यह पूछे जाने पर श्री गुप्ता का कहना था कि मुख्यमंत्री ने जो कुछ कहा है उस संबंध में पूरी जानकारी मिले बिना वह कुछ नहीं कह सकते.
एक दिन में नोटिस जारी करना होगा
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी सुनील गुप्ता के मुताबिक, अधिकारियों के तबादला निर्देश से संबंधित पत्र सोमवार को दोपहर ढ़ाई बजे के करीब राज्य के मुख्य सचिव को भेज दिया गया. उत्तर 24 परगना के डीएम संजय बंसल को हटाकर ओंकार सिंह मीना को डीएम बनाया गया है. खाली पड़े झाड़ग्राम एसपी के पद पर आलोक राजाैरिया को लाया गया है. आलोक राजाैरिया बीरभूम के एसपी थे. बीरभूम के नये एसपी राशिद मुनीर खान होंगे. पश्चिम मेदिनीपुर की एसपी भारती घोष को हटाकर उनकी जगह शीश राम झाझरिया को एसपी बनाने का निर्देश दिया गया है. मुर्शिदाबाद के एसपी डॉ हुमायूं कबीर को हटाकर उनके स्थान पर सैयद वकार रजा को एसपी बनाया गया है. बर्दवान के एसपी एमएच मिर्जा की जगह मीराज खालिद को एसपी बनाने को कहा गया है. मालदा के एसपी आरके यादव को हटाकर उनके स्थान पर रूपेश कुमार को एसपी की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. इनके अलावा मथुरापुर लोकसभा केंद्र के रिटर्निग ऑफिसर आलोकेश प्रसाद रे की जगह कौशिक भट्टाचार्य को लाने के लिए निर्देश दिया गया है.

पश्चिमी मेदिनीपुर के एडीएम अरिंदम दत्ता की जगह वैभव श्रीवास्तव को एडीएम बनाया गया है. चुनाव आयोग ने अपने पत्र में यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार को एक दिन के भीतर इस बाबत नोटिस जारी करना होगा. हटाये गये सभी अधिकारियों को गैर चुनाव कार्यो व ‘नॉन फील्ड वर्क’ में स्थानांतरित करने को कहा गया है. इसके लिए आयोग से पूर्व अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी लेकिन उनके नये पद के संबंध में आयोग को सूचित करना होगा. हालांकि सुनील गुप्ता ने यह नहीं बताया कि हटाये जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या आरोप हैं. उनका यही कहना था कि चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ ने रविवार को जिलों के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी व आइजी (कानून-व्यवस्था) के साथ बैठक करने के बाद इस संबंध में फैसला किया है.

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