कोलकाता : केंद्र सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ एवं राज्य सरकार की ‘कन्याश्री’ योजना से लाखों लोग लाभान्वित हुए हैं. लेकिन आज भी कई लोगों की बेटियों के प्रति सोच नहीं बदली है. बेटी का जन्म का लेना आज भी कुछ लोग अभिशाप मानते हैं और इसका ताजा उदाहरण उत्तर 24 परगना जिले के राजारहाट में देखने को मिला. यहां बेटी को जन्म देने की सजा एक महिला को जान देकर चुकानी पड़ी. ससुरालवालों ने बेटी जनने पर महिला के हाथ-पैर बांध जिंदा जला दिया.
यह घटना शुक्रवार रात राजारहाट के पानापुकुर ग्राम की है. मृतका के परिवारवालों ने पति, सास और ससुर समेत आठ लोगों के खिलाफ थाना में शिकायत दर्ज करायी है. मृतका का नाम फतेमा बीबी (34) है. फतेमा को पहले से तीन बेटियां हैं. ससुराल वाले बेटे की चाह रख रहे थे. बेटी जन्म देने पर फतेमा पर तरह-तरह से अत्याचार करते थे. आरोप है कि चौथी बार बेटी जन्म देने पर फतेमा की उसके ससुराल वालों ने हत्या कर दी.
मायके से 50 हजार रुपये लाने को कहा था
फतेमा को ससुरालवालों ने मायके से 50 हजार रुपए लाने को कहा था. वह रुपये लेने मायके गयी थी. लेकिन गत मंगलवार को बिना रुपए लिए वापस आई तो उसे बेहरमी से पीटा गया. शुक्रवार शाम में पड़ोसियों ने फतेमा के मायकेवालों को बताया कि उनकी बेटी जल गयी है. जब मायकेवालों ने ससुराल वालों से पूछा तो उन लोगों ने बताया कि फतेमा बीमार है. इसके बाद वे लोग ससुराल पहुंचे तो देखा कि फतेमा झुलसी हुई अवस्था में बिस्तर पर पड़ी है और उसके हाथ-पैर बंधे हुए हैं. मायकेवाले उसे अस्पताल ले गए, जहां उसकी मौत हो गयी.
15 वर्ष पहले हुई थी शादी
15 साल पहले फतेमा की शादी मोहम्मद असगर अली के साथ हुई थी. फतेमा की चार बेटियां थी. लड़की की मां का आरोप है कि ससुरालवालों ने पहली बेटी होने के बाद से ही उसपर तरह तरह से अत्याचार शुरू कर दिए थे. बार-बार मायके से रुपए लाने के लिए दबाव डाला जाता था. फतेमा की मृत्यु के बाद उसके परिजनों ने थाने में जाकर पति मोहम्मद असगर अली सहित ससुरालवालों के खिलाफ मामला दर्ज कराया. इस संबंध में पुलिस का कहना है कि आइपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है. मामले में आठ लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी गयी है और आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.