कोलकाता आइ पर आर्थिक तंगी की मार
वित्त विभाग का फिलहाल राशि देने से इनकार अब कम बजट में निर्माण की योजना बना रही सरकार कोलकाता : महानगर में राज्य के शहरी विकास विभाग द्वारा बनाये जा रहे कोलकाता आइ पर आर्थिक तंगी का असर पड़ा है. कोलकाता आइ के निर्माण के लिए विभाग ने लगभग 700 करोड़ रुपये की मांग की […]
वित्त विभाग का फिलहाल राशि देने से इनकार
अब कम बजट में निर्माण की योजना बना रही सरकार
कोलकाता : महानगर में राज्य के शहरी विकास विभाग द्वारा बनाये जा रहे कोलकाता आइ पर आर्थिक तंगी का असर पड़ा है. कोलकाता आइ के निर्माण के लिए विभाग ने लगभग 700 करोड़ रुपये की मांग की है, जिसे वित्त विभाग ने फिलहाल देने से इनकार कर दिया है.
गौरतलब है कि महानगर में कोलकाता आइ की स्थापना करना, मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है. लेकिन राज्य के वित्त विभाग ने फंड के अभाव का हवाला देकर इस पर ब्रेक लगा दिया है. पश्चिम बंगाल की सत्ता में आने से पहले और बाद में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता को लंदन बनाने का सपना देखा और दिखाया था. इस क्रम में उन्होंने टेम्स नदी के किनारे बने लंदन आइ के तर्ज पर देश में पहली बार गंगा नदी के किनारे कोलकाता आइ बनाने की घोषणा की थी.
इसे कोलकाता के मिलेनियम पार्क में बनाने का प्रस्ताव है. छह दिसंबर 2017 को राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने विधानसभा में वर्ष 2018 में आकाश से समूचे कोलकाता का नजरा दिखानेवाले 135 मीटर ऊंचे कोलकाता आइ के निर्माण कार्य शुरू होने की घोषणा की. शहरी विकास विभाग ने दिसंबर के अंत में निर्माण करने का टेंडर लार्सन एंड टुबरो को दे दिया. उसके बाद स्वीकृति के लिए इस परियोजना को वित्त विभाग के पास भेज दिया. लेकिन वित्त विभाग ने इस परियोजना को रोक दिया. इस परियोजना के लिए धनराशि देने से इनकार करते हुए विभाग ने टेंडर रद्द कर दिया. वित्त विभाग ने कहा कि इन दिनों इस परियोजना पर 700 करोड़ रुपये खर्च करना सरकार के लिए संभव नहीं है.
वित्त विभाग की ओर से धनराशि देने से इनकार करने के बाद राज्य सरकार ने कम खर्च में कोलकाता आइ बनाने की कोशिश शुरू कर दी है. राज्य सचिवालय नवान्न ने फिर से नया टेंडर जारी करने का फैसला किया है. सरकार नया टेंडर जारी कर कम खर्च में इसका निर्माण करना चाहती है. शहरी विकास विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि कोलकाता आइ मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना है. इसलिए इस योजना का पूरा करना ही है. लेकिन इसका बजट कम होगा.
क्या है परियोजना
पहले यह परियोजना केएमसी को दी गयी थी. बाद में इसे केएमडीए को सौंप दिया गया. पहले इसकी ऊंचाई 100 मीटर निर्धारित थी. फिर इसे लंदन आइ के समान 135 मीटर किया गया. इसे 120 मीटर चौड़े क्षेत्र में तैयार किया जाना था. धीमी गति से यह 45 मिनट में एक चक्कर लगायेगा. 700 लोग बैठ कर कोलकाता का हवाई दर्शन कर सकेंगे. इसमें 36 एयरकंडीशन कैप्सूल लगाये जायेंगे.