मैंने किताब बेचकर आजीविका चलाई : ममता
पानीहटी, पश्चिम बंगाल: तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने आज कहा कि किताब बेचकर उन्होंने आजीविका चलाई है. नरेन्द्र मादी ने ममता बनर्जी से कहा था कि वह उस व्यक्ति की पहचान उजागर करें जिसने उनकी पेंटिंग 1 . 8 करोड रुपये में खरीदी थी. ममता ने कहा, ‘‘मैं अपनी किताबें बेचकर आजीविका चलाती हूं. […]
पानीहटी, पश्चिम बंगाल: तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने आज कहा कि किताब बेचकर उन्होंने आजीविका चलाई है. नरेन्द्र मादी ने ममता बनर्जी से कहा था कि वह उस व्यक्ति की पहचान उजागर करें जिसने उनकी पेंटिंग 1 . 8 करोड रुपये में खरीदी थी.
ममता ने कहा, ‘‘मैं अपनी किताबें बेचकर आजीविका चलाती हूं. लेकिन उन्हें उससे भी समस्या है. मेरी पेंटिंग से जो धन प्राप्त हुआ उसे ‘जागो बांग्ला’ :तृणमूल कांग्रेस का मुखपत्र: को दे दिया गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपनी पेंटिंग की तीन प्रदर्शनियां लगाईं. मेरी पेंटिंग से जो पैसे आए उन्हें अपाहिज समाज एवं मुख्यमंत्री राहत कोष में दे दिया गया.’’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने बताया कि 2011 में पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने पाया कि गरीबों को स्वास्थ्य के आधार पर मदद देने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में धन नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पेंटिंग की बिक्री से 1 . 1 करोड रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में दे दिए गए.’’ ममता ने कहा कि उन्होंने 45 किताबें लिखी हैं. उन्होंने कहा कि अपनी पहली पुस्तक की रॉयल्टी उन्होंने हावडा जिले में आमता के कांडुआ हिंसा पीडितों को दी. मुख्यमंत्री बनने से पहले सात बार लोकसभा सदस्य रह चुकीं ममता ने कहा, ‘‘पूर्व सांसद के नाते प्रति महीने 50 हजार रुपये मिलने वाले पेंशन को मैंने पिछले तीन वर्षों से नहीं लिया है.’’