तृणमूल कांग्रेस के आतंक के खिलाफ प्रदर्शन

कोलकाता/ नयी दिल्ली: चार वाम दलों ने पश्चिम बंगाल में चुनावों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा बड़े पैमाने पर धांधली किये जाने का आरोप लगाते हुए करीब 3200 मतदान केंद्रों पर तत्काल पुनर्मतदान कराये जाने की मांग की. बुधवार को वाम दलों ने राष्ट्रव्यापी विरोध के तहत यहां अपनी मांगों के समर्थन में जंतर मंतर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2014 8:37 AM

कोलकाता/ नयी दिल्ली: चार वाम दलों ने पश्चिम बंगाल में चुनावों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा बड़े पैमाने पर धांधली किये जाने का आरोप लगाते हुए करीब 3200 मतदान केंद्रों पर तत्काल पुनर्मतदान कराये जाने की मांग की. बुधवार को वाम दलों ने राष्ट्रव्यापी विरोध के तहत यहां अपनी मांगों के समर्थन में जंतर मंतर पर रैली की. विरोध प्रदर्शन में माकपा महासचिव प्रकाश करात, सीताराम येचुरी और वृंदा करात, भाकपा के एबी बर्धन, सुधाकर रेड्डी और डी राजा व एआइएफबी के देबब्रत विश्वास और आरएसपी के नेताओं ने भी भाग लिया.

रैली को संबोधित करते हुए प्रकाश करात ने कहा : चुनावों के तीसरे, चौथे और पांचवें चरण में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने करीब 3200 मतदान केंद्रों पर धांधली की. मतदाताओं को धमकाया गया.

हमले किये गये और तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने गोलियां भी चलायीं, ताकि मतदाताओं को मतदान करने से रोका जा सके. जबसे तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आयी है, पार्टी द्वारा हर चुनाव में बार-बार धांधली की जा रही है. आतंक का माहौल पैदा किया जा रहा है. करात ने कहा कि वाम दलों की मांग है कि चुनाव आयोग उन 3200 मतदान केंद्रों पर तुरंत पुनर्मतदान कराये, जहां तृणमूल कांग्रेस ने धांधली की थी.

उन्होंने कहा कि हमने चुनाव आयोग को दो महीने पहले ही मतदान केंद्रों पर धांधली की आशंका से अवगत करा दिया था, लेकिन उसने इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया. लोकसभा चुनावों के शुरू होने के बाद पश्चिम बंगाल में तीसरे से पांचवें चरण के बीच धांधली की गयी. करात ने कहा कि मीडिया ने इस संबंध में कई रिपोर्टे लिखी हैं और विपक्षी दलों ने गड़बड़ी के संबंध में सबूत दिये हैं. लेकिन चुनाव आयोग ने प्रभावित मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान कराने का अभी तक कोई फैसला नहीं किया है. सत्तारुढ़ दल ने वहां लोकतांत्रिक प्रणाली की ‘हत्या’ करने के लिए पुलिस और प्रशासन का सहारा लिया.

माकपा के ही सीताराम येचुरी ने कहा कि हमने ऐसे मतदान केंद्रों की सूची चुनाव आयोग को सौंपी है, जहां धांधली हुई और आयोग को प्रभावित मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान की घोषणा करनी चाहिए. उसके बाद हम राजनीतिक लड़ाई के लिए तैयार हैं, जो लंबे समय तक चलेगी. वाम दलों ने पश्चिम बंगाल में 32 साल तक शासन किया, लेकिन हमने कभी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म करने का प्रयास नहीं किया. वृंदा करात, एबी बर्धन और डी राजा ने भी चुनाव आयोग की आलोचना की.

Next Article

Exit mobile version