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पंचायत चुनाव : मतदान के दौरान जमकर हुई हिंसा, कई इलाकों में खूनी संघर्ष
कोलकाता : राज्य में सोमवार को पंचायत चुनाव के लिए मतदान के दौरान भीषण खून-खराबे में 19 लोगों की जान चली गयी और 40 से ज्यादा लोग घायल हो गये. जगह-जगह बमबाजी और फायरिंग की घटनाएं हुईं. वोटिंग के लिए कड़े सुरक्षा इंतजामों के प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद कई इलाकों में जमकर खूनी […]
कोलकाता : राज्य में सोमवार को पंचायत चुनाव के लिए मतदान के दौरान भीषण खून-खराबे में 19 लोगों की जान चली गयी और 40 से ज्यादा लोग घायल हो गये. जगह-जगह बमबाजी और फायरिंग की घटनाएं हुईं. वोटिंग के लिए कड़े सुरक्षा इंतजामों के प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद कई इलाकों में जमकर खूनी संघर्ष हुआ.
सुबह सात बजे मतदान शुरू होते ही हिंसा की खबरें आने लगी. दिन चढ़ने के साथ मृतकों की संख्या बढ़ने लगी. देर शाम तक झड़पों में 19 लोगों के मरने की खबर आयी. बूथों पर कब्जा करने और मतपेटी लूटने की घटनाएं सामने आयी हैं. उधर, राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि लगभग 78 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. मतगणना 17 मई को होगी. 34 फीसदी सीटों को निर्विरोध श्रेणी में रखा गया है. यानी यहां एक ही उम्मीदवार थे. सुप्रीम कोर्ट ने निर्विरोध वाली सीटों के परिणाम की घोषणा पर फिलहाल रोक लगा रखी है.
इसी बीच, चुनाव में भारी हिंसा को देखते हुए गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है. जानकारी के अनुसार, मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में भाजपा कार्यकर्ता तपन मंडल की हत्या कर दी गयी. आमडांगा में माकपा के कार्यकर्ता तैबू गाइन की बम हमले में मौत हुई है. दक्षिण 24 परगना जिले में माकपा कार्यकर्ता आरिफ अली की गोली मार कर हत्या कर दी गयी.
काकद्वीप के कचारिबारी में उपद्रवियों ने माकपा कार्यकर्ता देबू दास की पत्नी उषा दास को जिंदा जला दिया. कुलतली में तृणमूल समर्थक आरिफ अली गाजी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. शांतिपुर में बूथ दखल करने के दौरान अाम लोगों की पिटाई से संजित प्रमाणिक की मौत हो गयी. मुर्शिदाबाद के नेवदा में तृणमूल समर्थक शाहिन शेख की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. नदिया के नकाशीपाड़ा में गोली लगने से तृणमूल समर्थक भोला दफादार की मौत हो गयी. नंदीग्राम के 2 नंबर ब्लॉक में माकपा समर्थकों अप्पू मन्ना व जगनेश्वर घोष की मतदान केंद्र पर झड़प के दौरान मौत हो गयी. कूचबिहार के खामारटारी में दुलाल भौमिक की गोली मार कर हत्या कर दी गयी.
उधर, मतदान के दौरान हिंसा में हुई मौतों पर राज्य चुनाव आयोग चुप है. आयोग ने आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि नहीं की है कि लोगों की मौत चुनाव की वजह से हुए. सूत्रों के अनुसार, मतदान के दौरान 13 बूथों पर लोडशेडिंग समेत अन्य वजहों से मतदान प्रभावित रहा. कुछ बूथों में मतदानकर्मियों के काम बंद कर देने के आरोप भी सामने आये हैं.
इस बारे में आयोग की ओर से कहा गया है कि मामले की जांच व पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. आयोग की ओर से बताया गया है कि पोस्ट पोल स्क्रूटनी मंगलवार की सुबह 11 बजे से शुरू होगी. कहीं पर पुनर्मतदान की स्थिति पर फैसला भी रिटर्निंग ऑफिसर व पर्यवेक्षकों की पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद ही तय होगा.
हाइकोर्ट का हस्तक्षेप से किया इनकार
पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा पर हाइकोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. सोमवार को अधिवक्ता सुदीप्त राय ने मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य व न्यायाधीश ए बनर्जी की पीठ में मोबाइल टीवी के माध्यम से पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा का वीडियो दिखाया. उन्होंने हाइकोर्ट को बताया कि पंचायत चुनाव के दौरान अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है. उन्होंने हाइकोर्ट से इसमें हस्तक्षेप करने का आवेदन किया. लेकिन पीठ ने इस आवेदन को खारिज कर दिया.
उन्होंने कहा कि आपका आवेदन स्वीकार नहीं किया जा सकता. क्योंकि मतदान प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. फिर वकील ने दावा करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से नहीं हो रहा है. लाेग अपना वोट तक नहीं दे पा रहे हैं. उन्होंने न्यायाधीश को एक निजी चैनल का वीडियो दिखाया. इस पर हाइकोर्ट ने कहा कि दिनभर खंडपीठ पर बैठ कर टीवी देखना उनका काम नहीं है.
कहां कितने लोगाें की हत्या हुई है, क्या उनके पास पूरी विस्तृत जानकारी है. तब आवेदनकारी वकील ने कहा कि उन्होंने टीवी चैनल पर देखा है और वहीं से यह जानकारी दे रहे हैं. तब मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि टीवी चैनल नहीं, आपको इस संबंध में पूरे सबूत एकत्रित कर जमा करने होंगे. अगर जरूरत पड़ी तो आप अपनी बातों को रखते हुए आवेदन कर सकते हैं.
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