कोलकाता : खोये फोन की कुछ निजी तस्वीरोें सोशल मीडिया पर पोस्ट होने के बाद महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. सरकारी वकील और साइबर एक्सपर्ट्स ने इस मामले में चिंता जताते हुए लोगों से सतर्क रहने की अपील की है.
पूर्व मेदिनीपुर जिले की निवासी एक महिला का फोन 29 जनवरी को अपने बेटी को स्कूल छोड़ने के रास्ते खो गया था. उसी दिन चार स्थानीय लड़कों ने उन्हें उनका मोबाइल लौटा दिया लेकिन आरोप है कि इन लड़कों ने महिला की कुछ निजी तस्वीरें अपने मोबाइल फोन पर ट्रांसफर कर ली थीं. बाद में लड़कों ने महिला को कॉल कर यौन संबंध बनाने के लिए ब्लैकमेल किया.
जब महिला ने उन्हें इनकार करते हुए फटकार लगायी तो लड़कों ने महिला की तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड करने की धमकी दी. इसके बाद आरोपियों ने कथित रूप से महिला की निजी तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड कर वायरल कर दिया. यहां तक कि महिला की तस्वीरों को शहर की दीवारों पर भी चिपका दिया गया.
महिला के पति ओडिशा में नौकरी करता हैं. उन्हें भी अपनी पत्नी की निजी तस्वीरें मिलीं. पड़ोसियों ने महिला पर इसके पीछे दोष मढ़ना शुरू कर दिया. इसके बाद पीड़िता ने अपने आठ साल के बेटे और तीन साल की बेटी के साथ खुद को घर में कैद कर लिया था. 17 मार्च को महिला ने अपने आवास पर फांसी लगाकर जान दे दी.
महिला ने 10 पेज का सूइसाइड नोट भी लिखा था, जिसके आधार पर चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. चारों पर धारा 306 के तहत मामला दर्ज किया गया और सीआईडी ने घटना के 57 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल कर दी. हाल ही में तमलुक जिला अदालत ने आरोपी युवकों की जमानत भी याचिका खारिज कर दी.
मामले के सरकारी वकील बिपहाश चटर्जी ने कहा : मैंने कोर्ट में महिला का 10 पेज का सूइसाइड नोट पढ़ा. यह केस सभी के लिए एक वेकअप अलार्म की तरह है. महिला ने नोट में आरोपियों के नाम के अलावा यह भी लिखा था कि वह जीना चाहती थी लेकिन अपने साथ हुई घटना सबकी वजह से वह नहीं जी पा रही है. साइबर विशेषज्ञों ने फोन को पासवर्ड लगाकर लॉक रखने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि फोन पर प्राइवेट तस्वीरें रखने से भी बचना चाहिए.