ममता दी के बंगाल में महिला को जूतों की माला पहना करवायी उठक-बैठक

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर के एक गांव में कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय के सामने एक महिला को जूतों की माला पहनाकर उससे उठक-बैठक करवायी गयी. इस घटना की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी. पुलिस हलांकि इस घटना पर बयान देने से बच रही है, लेकिन स्थानीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2018 4:15 AM
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर के एक गांव में कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय के सामने एक महिला को जूतों की माला पहनाकर उससे उठक-बैठक करवायी गयी. इस घटना की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी. पुलिस हलांकि इस घटना पर बयान देने से बच रही है, लेकिन स्थानीय सूत्रों के मुताबिक दो वर्गों के बीच हुए झगड़े के परिणाम स्वरूप यह अमानवीय घटना घटी.
तृणमूल कांग्रेस की तरफ से कहा गया है इस घटना में पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता शामिल नहीं था. स्थानीय सूत्रों के मुताबिक घटना मेदिनीपुर सदर के गांव बागडुबी की है, जो शुक्रवार (18 मई) को घटी. रिपोर्ट्स के मुताबिक महिला का पति तृणमूल कांग्रेस का पूर्व पंचायत समिति सदस्य है. स्थानीय सूत्रों ने बताया कि सोमवार को चुनाव के दौरान पीड़ित दंपति की तृणमूल कार्यकर्ताओं के साथ कहासुनी हो गयी थी.
शुक्रवार को महिला के पति को तृणमूल के कार्यालय पर बुलाया गया, जहां कथित तौर पर पार्टी कार्यकर्ताओं के द्वारा उसकी पिटाई की -स्थानीय लोगों ने बताया कि जब महिला को पता चला कि उसका पति काफी देर से घर नहीं लौटा है तो वह भी पार्टी कार्यालय चली गयी. एक स्थानीय शख्स ने बताया : महिला को तब मांफी मांगने और कान पकड़कर उठक-बैठक लगाने के लिए कहा गया.
घटना को तृणमूल कार्यकर्ताओं ने कैमरे में कैद कर लिया. विश्व हिंदू परिषद के मीडिया प्रभारी सौरीश मुखर्जी ने यह आरोप लगाते हुए तस्वीर को ट्वीट किया कि ग्रामीण चुनाव में टीएमसी को वोट न करने पर सजा के तौर महिला से उठक-बैठक लगवाई गयी. सौरीश मुखर्जी ने ट्वीट में लिखा : एक गृहणी को जूतों का हार पहनकर गांव भर में घूमने पर मजबूर किया गया.
उसे तृणमूल कार्यालय के साममे कान पकड़कर उठक-बैठक लगवाने के लिए भी मजबूर किया गया. उसका अपराध यह है, उसने तृणमूल के खिलाफ वोट करने की हिम्मत दिखायी. पश्चिम मेदिनीपुर के तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष अजीत मैति ने कहा कि यद्यपि तस्वीर फर्जी नहीं है, लेकिन इसका चुनाव से कुछ भी लेना-देना नहीं है.
उन्होंने कहा कि घटना में कोई तृणमूल कार्यकर्ता शामिल नहीं था, इसका पंचायत चुनाव से संबंध नहीं है, पति-पत्नी का स्थानीय लोगों से कुछ विवाद चल रहा था, यह दो वर्गों के बीच विवाद की वजह से हो सकता है. उन्होंने कहा कि गुनहगारों का पता लगाया जा रहा है और तृणमूल कभी ऐसे कामों को बढ़ावा नहीं देती है.
समर्थन नहीं देने पर निर्दलीय उम्मीदवार के पति की पिटाई
हुगली. बोर्ड बनाने के लिए एक निर्दलीय पंचायत सदस्य के समर्थन की जरूरत तृणमूल को थी. आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस की ओर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीतीं पुरसुड़ा श्यामपुर की श्रावंती मन्ना पर समर्थन देने के लिए दबाव दिया जा रहा था. नहीं मानने पर उनके पति विश्वनाथ मन्ना की पिटाई की गयी.
तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों को खारिज कर दिया है. श्रावंती मन्ना ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग उनके घर पर आये थे और खुद को तृणमूल कांग्रेस के समर्थक बता रहे थे. उन लोगों ने उनके पति से तृणमूल कांग्रेस को बोर्ड बनाने में समर्थन देने का अनुरोध किया, लेकिन उनके पति ने समर्थन देने से इनकार कर दिया. इस पर उन लोगों ने उनकी पिटाई कर दी.
घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया है. मामले की शिकायत स्थानीय थाने में की गयी है. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. कोई गिरफ्तारी की खबर नहीं है.

Next Article

Exit mobile version