बीजेपी समर्थकों पर मंडरा रहा है जान का खतरा, घर जाने से भी लग रहा है उन्हें डर
कूचबिहार : पूरे राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हो गया है. अब ग्राम पंचायतों तथा जला परिषदों में बोर्ड गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. उसके बाद भी कूचबिहार जिले में चुनाव से पहले हिंसा का जो दौर शुरू हुआ था, वह अब तक जारी है. आरोप है कि राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल […]
कूचबिहार : पूरे राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हो गया है. अब ग्राम पंचायतों तथा जला परिषदों में बोर्ड गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. उसके बाद भी कूचबिहार जिले में चुनाव से पहले हिंसा का जो दौर शुरू हुआ था, वह अब तक जारी है. आरोप है कि राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से भाजपा समर्थकों को निशाना बनाया जा रहा है.
चुनाव से पहले ही कथित तौर पर तृणमूल समर्थकों ने भाजपा समर्थकों के साथ जमकर मारपीट की थी. उनके घरों पर हमले किये गये. जिसके परिणामस्वरूप 200 से अधिक भाजपा समर्थक अपना घर-वार छोड़ने पर मजबूर हो गये. यह सभी कूचबिहार जिला भाजपा कार्यालय में शरण लिये हुए हैं. आरोप है कि चुनाव खत्म होने के बाद भी पुलिस इन लोगों को घर भेजने की कोई कोशिश नहीं कर रही है.
तृणमूल समर्थकों के आतंक का ऐसा आलम है कि यह लोग अपने घर जाने से डर रहे हैं. शरणार्थी बनकर भाजपा कार्यालय में दिन गुजार रहे हैं. इन लोगों ने सुरक्षा सुनिश्चित कर वापस घर भेजने की मांग पुलिस प्रशासन से की है. ऐसा नहीं होने पर इन लोगों ने इस महीने की 28 तारीख को कूचबिहार जिलाधिकारी कार्यालय के घेराव की घोषणा की है.
वाममोर्चा को पछाड़कर दूसरी बड़ी राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरी है भाजपा
उल्लेखनीय है कि कूचिहार जिले में वर्ष 2016 में जब कूचबिहार लोकसभा का चुनाव हुआ था, तो भाजपा दूसरे स्थान पर रही थी. इस बार पंचायत चुनाव में भी तृणमूल कांग्रेस का मुख्य मुकाबला भाजपा के साथ ही हुआ. जब से पंचायत चुनाव की घोषणा हुई तभी से जिले में तृणमूल तथा भाजपा समर्थकों के बीच भिड़ंत होने लगी थी.
इस दौरान 200 से भी अधिक भाजपा समर्थक घर-वार छोड़ चुके हैं. इन लोगों ने भाजपा के विभिन्न कार्यालयों में शरण ले रखी है. भाजपा के जिलाध्यक्ष निखिल रंजन दे ने बताया है कि अगर सभी बेघरों को घर लौटाने की कोशिश नहीं हुई, तो वह लोग बड़ा आंदोलन करेंगे. इस महीने की 28 तारीख को जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया जा रहा है. उसके बाद भी स्थिति ठीक नहीं हुई, तो वह सभी भाजपा समर्थकों को लेकर दिल्ली जायेंगे. वहां केन्द्र सरकार से मदद की गुहार लगायेंगे.