बंगाल में विलुप्त होते झूमर लोकसंगीत को दर्शाती फिल्म झुमुरा

कोलकाता : निर्देशन में शुरुआत करने जा रहे अनिंद्यो चटर्जी की फिल्म झुमुरा में पश्चिम बंगाल के उस मशहूर लोकसंगीत झूमुर को दर्शाया गया है, जो आज विलुप्त होने की कगार पर है. इस फिल्म में उन चंद गायकों के जीवन की मुश्किलों का भी वर्णन किया गया है, जो अपने पास इस परंपरा संजोए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2014 11:30 AM

कोलकाता : निर्देशन में शुरुआत करने जा रहे अनिंद्यो चटर्जी की फिल्म झुमुरा में पश्चिम बंगाल के उस मशहूर लोकसंगीत झूमुर को दर्शाया गया है, जो आज विलुप्त होने की कगार पर है. इस फिल्म में उन चंद गायकों के जीवन की मुश्किलों का भी वर्णन किया गया है, जो अपने पास इस परंपरा संजोए हुए हैं लेकिन संरक्षण की उम्मीद के साथ बेहद शोचनीय जीवन जी रहे हैं.

चटर्जी ने बताया, मेरी फिल्में छट झूमुर पंथ की बात करती है और इसे इस क्षेत्र की महान हस्ती गंभीरा सिंह से प्रेरणा मिली है. निर्देशक ने कहा कि छोऊ नृत्य पर तो कई फिल्मांकन हुए हैं लेकिन झूमुर संगीत को लेकर कभी ज्यादा खोजबीन नहीं हुई.

चटर्जी ने कहा कि फिल्मकार झूमर कलाकारों के संघर्ष को दर्शाना चाहता था. इनमें से कुछ कलाकार तो जिले के सुदूर इलाकों में बने गांवों में बेहद गरीबी में अपना जीवन बिताते हैं. उन्होंने कहा, मैं इनसे कुछ साल पहले मिला था और उनके संघर्षपूर्ण जीवन को पर्दे पर लाने का विचार मेरे मन में आया. मैं उनके जीवन को गहराई से समझने के लिए कई बार वहां वापस गया ताकि इसे सही कहानी के रुप में पेश कर सकूं. इस फिल्म में सोहिनी सरकार और सुप्रिया देवी अहम भूमिकाओं में हैं.

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