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नये हथकंडे अपना रहे हैं फ्रॉड कॉलर

कोलकाता : हाल में हुए एटीएम फ्रॉड के मामलों ने लोगों को हैरत में डाल दिया है. उपरोक्त मामले में दो रोमवासियों को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है. इस रैकेट की तफ्तीश में कई नये तथ्य हाथ लग रहे हैं. कहा जाये तो फ्रॉड करनेवाले तकनीक और इंटरनेट को अपने खास हथियार के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2018 2:11 AM
कोलकाता : हाल में हुए एटीएम फ्रॉड के मामलों ने लोगों को हैरत में डाल दिया है. उपरोक्त मामले में दो रोमवासियों को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है. इस रैकेट की तफ्तीश में कई नये तथ्य हाथ लग रहे हैं. कहा जाये तो फ्रॉड करनेवाले तकनीक और इंटरनेट को अपने खास हथियार के रूप में इस्तेमाल करने लगे हैं.
तकनीक हमारी जिंदगी को काफी आसान बनाती हैं लेकिन थोड़ी लापरवाही से नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. मौजूदा समय में फ्रॉड फोन कॉल कर चूना लगानेवालों को इसी लापरवाही का इंतजार रहता है. बैंक या अन्य वित्तीय संस्था का कर्मचारी बताकर लोगों के बैंक अकाउंट, डेबिट व क्रेडिट कार्ड की जानकारी हासिल कर धोखाधड़ी की कई घटनाएं हो चुकी हैं.
सूत्रों के अनुसार अब फ्रॉड फोन कॉल करने वाले नये हथकंडे अपना रहे हैं. खुद को मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी का कर्मचारी बताकर लोगों को पहले झांसे में लेते हैं. उसके बाद सिम कार्ड के आधार वेरिफिकेशन करने की बात कह लोगों को उनके मोबाइल फोन पर एक पासवर्ड (ओटीपी) भेजे जाने की बात कही जाती है. यदि आप इस पासवर्ड को फोन करने वाले व्यक्ति से साझा करते हैं तो शायद आप धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं.
कुछ मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियां अपने ग्राहकों से ऐसे फोन कॉल्स आने से परहेज करने की सलाह दे रही हैं. ऐसे भी कई मामले सामने आये हैं जिसमें फोन कॉल करने वाले खुद को आपके किसी दोस्ता या रिश्तेदार का परिचित बताकर आपको झांसे में लेने की कोशिश करते हैं. लोगों को विश्वास मेें लेने के बाद वे खुद को मुसीबत में फंसा बताते हैं और आपको कुछ पैसे भेजने के लिए कहते हैं. यहां वे लोग पूरा ध्यान रखते हैं कि आपके शक न हो. इसिलए आप से छोटी रकम मांगी जाती है.
आपको ऐसे फोन कॉल्स से भी सतर्क रहने काफी जरूरत है. सतर्कता मूलक बातों के नजरअंदाज करने के बाद यदि किसी के साथ फ्रॉड होता है तो उन्हें जरूरी कदम उठाने काफी जरूरी होते हैं. सबसे पहले फ्रॉड की जानकारी पुलिस को देनी जरूरी होती है. उसके बाद बैंक व अन्य वित्तीय संस्था को इससे अवगत कराना अहम होता है. ताकि फ्रॉड करने वाले उन्हें आगे नुकसान नहीं पहुंचा सकें और धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सही कार्रवाई हो पाये.

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