नयी दिल्ली/कोलकाता : रोजवैली पोंजी स्कैम की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कंपनी की 130 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की. धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत अस्थायी आदेश जारी करके संपत्ति कुर्क की गयी. कुर्क की जानेवाली संपत्ति में चल और अचल संपत्ति शामिल हैं.
इडी की इस कार्रवाई के बाद कंपनी की कुर्क की जानेवाली संपत्ति का परिमाण 4400 करोड़ रुपये पहुंच गया है. वर्ष 2014 में पीएमएलए के तहत रोजवैली के चेयरमैन गौतम कुंडू व अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. वर्ष 2015 में गौतम कुंडू को गिरफ्तार कर लिया गया. गौतम कुंडू फिलहाल न्यायिक हिरासत में है. मामले को लेकर कोलकाता व भुवनेश्वर की अदालत में इडी ने चार्जशीट भी दाखिल किया है.
आरोप है कि रोजवैली ग्रुप ने चिटफंड ऑपरेशंस के लिए 27 कंपनियों को खोल रखा था, जिसमेें आधा दर्जन पूरी तरह से सक्रिय थीं. विभिन्न राज्यों के निवेशकों को उनके निवेश किये रुपये का आठ से 27 प्रतिशत ज्यादा रिटर्न का झांसा भी दिया गया था. निवेशकों के प्रति देनदारियों से बचने के लिए रोजवैली पर कई सिस्टर फर्मों में ‘क्रास इंवेस्टमेंट’ का भी आरोप है.
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने इडी से पहले रोजवैली ग्रुप की जांच की थी और सीबीआइ ने रोजवैली ने समूह के खिलाफ मामला दर्ज किया था. बाद में इडी ने ब्याज और जुर्माना सहित रोजवैली समूह की अनियमितता का पैमाना करीब 15 हजार करोड़ रुपये बताया था.