एसएफआइ नेता को रिमांड पूरी होने से पहले ही जमानत, अदालत ने पांच दिन की पुलिस रिमांड पर दिया था

सिलीगुड़ी : रिमांड की मियाद पूरी होने के पहले ही एसएफआइ की दार्जिलिंग जिला कमेटी की सदस्य सुकृति आश को जमानत मिल गयी. पुलिस अधिकारी के शरीर पर केरोसीन उड़ेलकर आग लगाने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार माकपा समर्थित छात्र संगठन की नेता सुकृति की जमानत याचिका को रविवार को सिलीगुड़ी अदालत ने मंजूर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 15, 2018 2:53 AM
सिलीगुड़ी : रिमांड की मियाद पूरी होने के पहले ही एसएफआइ की दार्जिलिंग जिला कमेटी की सदस्य सुकृति आश को जमानत मिल गयी. पुलिस अधिकारी के शरीर पर केरोसीन उड़ेलकर आग लगाने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार माकपा समर्थित छात्र संगठन की नेता सुकृति की जमानत याचिका को रविवार को सिलीगुड़ी अदालत ने मंजूर कर लिया है. कुछ दिन पहले ही सुकृति को कोलकाता के हावड़ा स्थित उसके एक रिश्तेदार के घर से गिरफ्तार किया गया था.
बता दें कि इस्लामपुर के दाड़भीट गोलीकांड को लेकर बीते 24 सितंबर को दार्जिलिंग जिला माकपा की ओर ्से एक प्रतिवाद रैली निकाली गयी थी. अनिल विश्वास भवन से निकली रैली जब हाशमी चौक पहुंची तो राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला फांका जाने लगा. लेकिन वहां तैनात पुलिस माकपा समर्थकों के हाथ से मुख्यमंत्री का पुतला छीनने लगी.
छीनाझपटी के बीच ही माकपा समर्थकों ने केरोसीन उड़ेल कर पुतला में आग लगाने की कोशिश की. इस दौरान सिलीगुड़ी थाना प्रभारी देबाशीष बोस के व कुछ अन्य पुलिसकर्मियों पर केरोसिन का तेल पड़ गया. हालांकि अंत में पुलिस ने मुख्यमंत्री का पुतला नहीं जलाने दिया. इसके बाद पुलिस पर तेल उड़ेलकर आग लगाने का आरोप लगाकर पुलिस ने सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर सह विधायक अशोक भट्टाचार्य सहित कुल नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
माकपा इस मामले को हल्के में ले रही थी, लेकिन सिलीगुड़ी थाना पुलिस ने हावड़ा से एसएफआइ की सुकृति को गिरफ्तार करके 11 अक्टूबर को सिलीगुड़ी अदालत में पेश किया. अदालत ने सुकृति को पांच दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया. रिमांड की मियाद पूरी होने के एक दिन पहले ही सुकृति को सिलीगुड़ी थाना पुलिस ने फिर से अदालत में पेश किया. पुलिस की पूछताछ पूरी होने की वजह से अदालत ने सुकृति की जमानत याचिका मंजूर कर ली.
भावुक हुए मेयर
सुकृति की जमानत से माकपा खेमे में खुशी है. माकपा का दावा है कि जनता के दबाव में आकर पुलिस ने सुकृति को रिहा किया है. अदालत से जमानत मिलने के बाद सिलीगुड़ी के मेयर सह विधायक अशोक भट्टाचार्य ने बताया कि झूठ की हमेशा हार होती है. पुलिस के शरीर पर तेल फेंकने का आरोप सरासर गलत है.
यह बात पुलिस भी जानती है. जानबूझ कर सुकृति को गिरफ्तार किया गया. सुकृति की रिहाई के लिए कई बार पुलिस अधिकारियों से मुलाकात भी की गयी. रविवार को सुकृति को जमानत मिल गयी. सुकृति की रिहाई से मेयर बेहद भावुक हो उठे और उनकी आंखें छलछला आयीं.

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