नकली नोटों के साथ तीन गिरफ्तार, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से जुड़ा है तार
जबलपुर/कोलकाता : मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में चुनावी सरगर्मी तेज होने के साथ ही नकली नोटों के धंधे में लगे लोग भी काफी सक्रिय हो गये हैं. इसका खुलासा बुधवार रात ओमती और गोहलपुर थाना क्षेत्र में पकड़े गये आरोपियों से हुआ है. यहां पुलिस ने तीन युवकों के कब्जे से भारी मात्रा में […]
जबलपुर/कोलकाता : मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में चुनावी सरगर्मी तेज होने के साथ ही नकली नोटों के धंधे में लगे लोग भी काफी सक्रिय हो गये हैं. इसका खुलासा बुधवार रात ओमती और गोहलपुर थाना क्षेत्र में पकड़े गये आरोपियों से हुआ है. यहां पुलिस ने तीन युवकों के कब्जे से भारी मात्रा में नकली नोट बरामद किये हैं. पुलिस का कहना है कि ये नोट चुनाव के दौरान बाजार में खपाने के लिए लाये गये थे.
युवकों के तार पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तस्करों से जुड़े हुए हैं. वे स्थानीय स्तर पर कमरा लेकर नकली नोटों को खपाने में लगे थे. इस गिरोह को आपूर्ति करने वाले और अन्य राज्यों में भी इसी तरह नोट खपाने के कार्य में लगे लोगों के बारे में भी कुछ जानकारी हासिल हुई है.
घेराबंदी कर पकड़ा: पुलिस को सूचना मिली कि हनुमानताल क्षेत्र में किराये के मकान में रह रहे कुछ युवकों की गतिविधियां संदिग्ध हैं.
वे ज्यादातर समय घर में कैद रहते हैं, लेकिन उनके ठाट-बाट ऊंचे हैं. पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि मामला नकली नोट बनाने और इन्हें बाजार में चलाने से जुड़ा हुआ है. ओमती पुलिस ने घेराबंदी करके तीन युवकों को पर्यटन भवन के समीप दबोच लिया. पकड़े गये युवकों के नाम सचिन चक्रवर्ती, कौशल उपाध्याय व संतोष पांडेय बताये गये हैं.
मौके पर इनके कब्जे से 87200 रुपये के नकली नोट बरामद किये गये. बताया गया है कि दो युवक रीवा व शहडोल के रहने वाले हैं. जबकि तीसरा बंगाल से है. वे जबलपुर निवासी एक युवक के साथ मिलकर यह गोरखधंधा चला रहे थे.
बांग्लादेश से आये नोट
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किये हैं. आरोपियों का कहना है कि बांग्लादेश बॉर्डर के रास्ते नकली नोटों की खेप देश में लायी जा रही है, जिसमें कई लोग शामिल हैं, जो देश के कोने-कोने में फैले हुए हैं. आरोपियों ने बताया कि बांग्लादेश में कलर प्रिंटिंग की मदद से नकली नोट बनाए जाते हैं. इन नोटों को खरीदने के लिए उन्हें एक लाख नकली नोटों के बदले 36 हजार रुपये देने पड़ते हैं.