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दिन भर चला बॉयकाट का दौर

कोलकाता: विधानसभा में शुक्रवार को सारा दिन बायकाट का दौर जारी रहा. पहली बार, विपक्षी पार्टियों ने मुख्यमंत्री की सदन में अनुपस्थिति को मुद्दा बनाते हुए बायकाट किया तो दूसरी बार वाममोरचा विधायकों ने उस समय सदन का बायकाट किया, जब वह विपक्षी पार्टियां द्वारा कानून-व्यवस्था पर उठाये गये सवालों का जवाब दे रही थीं. […]

कोलकाता: विधानसभा में शुक्रवार को सारा दिन बायकाट का दौर जारी रहा. पहली बार, विपक्षी पार्टियों ने मुख्यमंत्री की सदन में अनुपस्थिति को मुद्दा बनाते हुए बायकाट किया तो दूसरी बार वाममोरचा विधायकों ने उस समय सदन का बायकाट किया, जब वह विपक्षी पार्टियां द्वारा कानून-व्यवस्था पर उठाये गये सवालों का जवाब दे रही थीं.

शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अधीन की सभी विभागों के प्रश्नों का जवाब देना था और साथ ही गृह विभाग का बजट पेश किया जाना था. अधिवेशन के पहले चरण में प्रश्नोत्तर काल के दौरान मुख्यमंत्री को गृह विभाग संबंधी प्रश्नों के जवाब देने थे, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सदन में उपस्थित नहीं थी, इस कारण विपक्षी पार्टियां कांग्रेस व वाममोरचा ने सदन का बायकाट किया.

शुक्रवार को सुबह 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई. विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने प्रश्नोत्तर काल में सवाल के लिए वामो विधायक तजमुल हुसैन को बुलाया, लेकिन माकपा के विधायक अनीसुर रहमान व कांग्रेस विधायक दल के उपनेता रवींद्रनाथ चटर्जी सहित अन्य विधायकों ने प्रश्नोत्तर काल में मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति पर शोरगुल मचाने लगे तथा मुख्यमंत्री के विधानसभा में उपस्थित होने की मांग करने लगे. इस बीच, पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी, तजमुल हुसैन के सवाल का जवाब देने के लिए खड़े हुए, लेकिन शोरगुल के बीच उनका जवाब सुनायी नहीं दिया. उसके बाद मुख्यमंत्री की उपस्थिति की मांग पर कांग्रेस के विधायक विधानसभा से वाकआउट कर गये.

इस दौरान वाम मोरचा के विधायकों का शोरगुल जारी रहा. कुछ मिनट तक वामो विधायकों ने विधानसभा के वेल में मॉक एसेंबली भी लगायी. बाद में वे लोग भी विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया.

बाद में कांग्रेस विधायक दल के नेता मोहम्मद सोहराब, उप नेता रवींद्रनाथ चटर्जी तथा डॉ. मानस भुइंया ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि शुक्रवार दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विधानसभा में रहने की बात है, लेकिन पिछले तीन सालों से मुख्यमंत्री ने एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया और न ही प्रश्नोत्तर काल में वह विधानसभा में उपस्थित ही रहती हैं, जबकि इसके पूर्व सरकार में कम्युनिस्ट होने के बावजूद ज्योति बसु व बुद्धदेव भट्टाचार्य गुरुवार को निर्धारित दिन विधानसभा में अवश्य ही उपस्थित रहते थे. उन्होंने कहा कि विधायकों को अपने सवालों का जवाब पाना अधिकार है, लेकिन विधायकों को उनके अधिकार का हनन किया जा रहा है. मुख्यमंत्री के पास स्वास्थ्य, भूमि, गृह विभाग, अल्पसंख्यक, पार्वत्य विभाग जैसे आठ महत्वपूर्ण विभाग हैं, लेकिन इन विभागों के संबंध में विधायकों के सवालों का जवाब नहीं मिल रहा है.

इसके बाद दोपहर दो बजे से गृह विभाग के बजट के समय मुख्यमंत्री सदन में पहुंची. विपक्ष के नेता सूर्यकांत मिश्र ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां की पुलिस मंत्रियों व सत्तारूढ़ पार्टियों के इशारे पर काम कर रही है. मुख्यमंत्री इनके प्रश्नों का जवाब दे रही थीं, तभी माकपा के विधायक फिर से खड़े होककर हो-हल्ला करने लगे और सदन का बहिष्कार करते हुए बाहर निकल गये. हालांकि इस समय कांग्रेस ने सदन का बहिष्कार नहीं किया और मुख्यमंत्री के भाषण तक शांतिपूर्वक सदन में बैठे रहे.

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