भाजपा से जुड़े 40,000 राजनीतिक कार्यकर्ता

कोलकाता: लोकसभा चुनाव में जहां देश भर में भाजपा ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, वहीं पश्चिम बंगाल में 17 फीसदी वोट और 42 में से दो सीटें हासिल करके राज्य की राजनीति में नया समीकरण बना दिया है. भाजपा के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए न केवल कांग्रेस और माकपा के कार्यकर्ता, बल्कि तृणमूल कांग्रेस के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 17, 2014 9:36 AM

कोलकाता: लोकसभा चुनाव में जहां देश भर में भाजपा ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, वहीं पश्चिम बंगाल में 17 फीसदी वोट और 42 में से दो सीटें हासिल करके राज्य की राजनीति में नया समीकरण बना दिया है. भाजपा के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए न केवल कांग्रेस और माकपा के कार्यकर्ता, बल्कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता भी भाजपा में शामिल हो रहे हैं.

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने जंगलमहल इलाके में सभा करके दावा किया है कि करीब 40 हजार राजनीतिक कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए हैं. उनका यह भी कहना है कि तृणमूल कांग्रेस की आतंक की राजनीति का मुकाबला करने के लिए ही ये कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो रहे हैं. भाजपा में शामिल होनेवालों में पश्चिम मेदिनीपुर जिले की पूर्व सभाधिपति व माकपा नेत्री अंतरा भट्टाचार्य शामिल हैं.

आरोप है कि अंतरा भट्टाचार्य के पिंगला स्थित घर पर 2013 के पंचायत चुनाव के दौरान तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हमला बोला था. इधर जिले के तृणमूल नेता अशोक सेनापति ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है. श्री सिन्हा ने बताया कि लोकसभा चुनाव के बाद जंगलमहल का यह उनका पहला दौरा था और उन्हें भारी समर्थन मिल रहा है. हजारों और भाजपा समर्थक पार्टी में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं.

हालांकि पार्टी के मापदंडों पर खरा उतरने के बाद ही उन्हें शामिल किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि जिला स्तर के अलावा राज्य स्तर पर भी भाजपा में शामिल होने की होड़ दिखाई दे रही है. तृणमूल के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन के भाई बैरी ओ ब्रायन के अलावा कई फिल्मी हस्तियां भी भाजपा में शामिल हुई हैं. कांग्रेस के पूर्व पार्षद प्रदीप घोष, पूर्व क्रिकेटर सौरभ गांगुली के भाई स्नेहाशीष गांगुली भी प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पहुंच कर राहुल सिन्हा से बातचीत कर चुके हैं.

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक भाजपा के बढ़ते प्रभाव की तृणमूल के शुरुआती दिनों से तुलना की जा सकती है. धीरे-धीरे बंगाल की धरती पर भी उसने पैर जमाना शुरू कर दिया है. माकपा के एक बड़े धड़े का झुकाव भाजपा की ओर हुआ है. तृणमूल की शक्ति के आगे उनके सामने अस्तित्व संकट की समस्या आ गयी थी. लड़ाई के माध्यम के तौर पर उन्हें भाजपा दिखाई दे रही है. श्री सिन्हा के मुताबिक भविष्य में पार्टी में शामिल होनेवाले कई और बड़े नाम देखने को मिलेंगे. वह यह दावा करने से नहीं चूकते कि राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी आज की तारीख में भाजपा ही है.

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