फरार नकली नोट तस्करों के घरों पर पोस्टर चस्पा किया, अपराधी के नहीं पकड़े जाने की सूरत में जब्त होगी संपत्ति
मालदा : आंध्र प्रदेश पुलिस पिछले दस दिनों से नकली नोट के पांच कारोबारियों को मालदा में तलाश कर रही है. इन्हें पकड़ने में मिली असफलता के बाद आंध्र पुलिस व सीआईडी ने आखिरकार अरोपियों के घरों के सामने व इलाके में पोस्टर चस्पा कर दिया. घटना मालदा के बैष्णवनगर थाना के भारत-बांग्लादेश सीमा के […]
मालदा : आंध्र प्रदेश पुलिस पिछले दस दिनों से नकली नोट के पांच कारोबारियों को मालदा में तलाश कर रही है. इन्हें पकड़ने में मिली असफलता के बाद आंध्र पुलिस व सीआईडी ने आखिरकार अरोपियों के घरों के सामने व इलाके में पोस्टर चस्पा कर दिया. घटना मालदा के बैष्णवनगर थाना के भारत-बांग्लादेश सीमा के कृष्णपुर गांव में घटी है. पोस्टरों को लेकर इलाकावासी भी चौंक गये. उन्हें पता ही नहीं था कि उनके पड़ोस में नकली नोटों का कारोबारी रहता है.
आंध्र प्रदेश सीआईडी इंस्पेक्टर के वीरास्वामी ने बताया कि आंध्र प्रदेश अदालत के निर्देश से पांच नकली नोट कारोबारियों की तलाश में वे लोग मालदा आये हैं. उनके पास सूचना है कि कृष्णपुर गांव में पांचों आसामी छिपे हैं. इसलिए पिछले दस दिनों से आंध्र पुलिस व सीआईडी की टीम इलाके में जोरदार तलाशी अभियान चला रही है. लेकिन जब आसामी नहीं मिले तो अदालत के निर्देश से उनके घर के सामने व गांव में पोस्टर लगाकर चेतावनी दी गयी है.
सीआईडी इंस्पेक्टर के वीरास्वामी ने बताया कि अदालत के निर्देश से आरोपियों के घरों में छापेमारी की गयी. साथ ही इलाके में नोटिस व पोस्टर लगाये गये हैं. उन्होंने कहा कि पांचों अपराधी अगर पकड़े नहीं गये तो उनकी संपत्ति जब्त हो सकती है.
क्या है मामला
जिला पुलिस सूत्रों से पता चला है कि 2011 के 23 जुलाई को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा व नारायणपरा रेलवे स्टेशन के पास से मालदा के वैष्णवनगर थाना के कृष्णपुर इलाके के पांच नकली नोट कारोबारियों को गिरफ्तार किया गया. आरोपी के पास से 50 हजार रुपए का नकली नोट भी बरामद हुआ. आरोपियों के नाम मोहम्मद अख्तर (28), मोहम्मद शफिकुल (38), सानु शेख (40), मोहम्मद मोरजम (38) व शेख आजाद (25) हैं.
इन सभी का घर बैष्णवनगर थाना के कृष्णपुर गांव में है. इनलोगों को आंध्र पुलिस ने संबंधित अदालत में पेश किया. कुछ दिनों पहले इनलोगों को जमानत मिल गयी. इसके बाद से ये लोग फरार हैं. मामले की लगातार आठ सुनवाई में भी आरोपी अदालत में हाजिर नहीं हुए. इसके बाद अदालत की ओर से उन्हें फरार घोषित कर गिरफ्तारी का निर्देश दिया गया.