हावड़ा के कुख्यात रमुआ की गोली मारकर हत्या
कोलकाता/हावड़ा : कुख्यात अपराधी रमुआ को उसी के घर में घुसकर अपराधियों ने गोलियों से भून दिया. सोमवार रात 10-12 अपराधी उसके घर पहुंचे. बेल बजाने पर रमुआ ने ही दरवाजा खोला. दरवाजा खोलते ही अपराधियों ने उसे गन प्वांइट पर ले लिया. पत्नी आैर बेटी के शोर मचाते ही अपराधियों ने रमुआ पर ताबड़तोड़ […]
कोलकाता/हावड़ा : कुख्यात अपराधी रमुआ को उसी के घर में घुसकर अपराधियों ने गोलियों से भून दिया. सोमवार रात 10-12 अपराधी उसके घर पहुंचे. बेल बजाने पर रमुआ ने ही दरवाजा खोला.
दरवाजा खोलते ही अपराधियों ने उसे गन प्वांइट पर ले लिया. पत्नी आैर बेटी के शोर मचाते ही अपराधियों ने रमुआ पर ताबड़तोड़ गोली चला दी आैर माैके से भाग निकले.
खबर पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और उसे पानीहाटी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. घटना खड़दह थाना अंतर्गत सोदपुर के आम्रपाली इलाके में हुई.
मिली जानकारी के अनुसार, जमानत पर रिहा कुख्यात रमुआ पत्नी आैर बेटी के साथ सोदपुर में रह रहा था. पुलिस का अनुमान है कि आपसी रंजिश के कारण ही घटना को अंजाम दिया गया है. पुलिस पत्नी से पूछताछ कर यह पता लगाने में जुटी है कि जिन अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया है, उनका घर पर आना-जाना था कि नहीं. बहरहाल, इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
कौन था रमुआ : रमुआ का असली नाम राममूर्ति दियार (47) है. वह आंध्र प्रदेश का मूल निवासी था. बचपन में वह हावड़ा के शिवपुर थाना अंतर्गत धर्मदास गांगुली लेन में रहता था.
बताया जाता है कि गरीबी के कारण छोटी उम्र में ही वह सड़कों पर कागज चुनने का काम करने लगा था. आर्थिक तंगी के कारण उसने चोरी करनी शुरू कर दी. इसके बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा आैर एक घटना के बाद वह सुर्खियों में आया.
15 अगस्त, 1996 को दोपहर करीब दो बजे स्थानीय एक युवक नदीम अहमद का उसने सिर काटा आैर उसके सिर को फुटबॉल बनाकर सरेआम खेला था. हत्या, डकैती, अपहरण सहित कुल 18 आपराधिक मामले उस पर दर्ज थे. चार साल पहले हावड़ा सिटी पुलिस ने उसे आंध्र प्रदेश से गिरफ्तार किया था.
पिछले साल 16 नवंबर को वह जमानत पर रिहा हुआ. जमानत पर रिहा होने के बाद उसने शिवपुर में रहना छोड़ दिया आैर परिवार के साथ सोदपुर में रहने लगा. बताया जा रहा है कि वह अपने गैंग से अलग हो रह रहा था. यही कारण है कि दुश्मनी बढ़ रही थी.