विकास गुप्ता, कोलकाता : अपनी भोली-भाली मनमोहक बातों के जाल में फंसाकर लोगों को ठगने वाली हसीन युवतियों का एक गिरोह इन दिनों महानगर में सक्रिय है. मुख्यत: क्रेडिट कार्ड ग्राहकों को वे अपना शिकार बनाकर उनसे मोटी रकम ठग कर फरार हो जा रही हैं.
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लोगों को ठगने वाली हसीन युवतियों का गिरोह सक्रिय, क्रेडिट कार्ड रखने वाले ग्राहकों को बना रहीं शिकार
विकास गुप्ता, कोलकाता : अपनी भोली-भाली मनमोहक बातों के जाल में फंसाकर लोगों को ठगने वाली हसीन युवतियों का एक गिरोह इन दिनों महानगर में सक्रिय है. मुख्यत: क्रेडिट कार्ड ग्राहकों को वे अपना शिकार बनाकर उनसे मोटी रकम ठग कर फरार हो जा रही हैं. इसी गिरोह के झांसे में आकर 92 हजार रुपये […]
इसी गिरोह के झांसे में आकर 92 हजार रुपये गंवाने के बाद प्रिंस अनवर शाह रोड निवासी शिक्षक विनोद कुमार सिंह ने इसकी शिकायत टॉलीगंज थाने में दर्ज करायी. मामले की गंभीरता को देखते हुए लालबाजार के एंटी बैंक फ्रॉड शाखा की टीम इसकी जांच कर रही है.
आरोपी शातिर युवती की तलाश के लिए पुलिस उसके फोन कॉल रिकार्ड को खंगाल कर उस तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. ज्ञात हो कि इसके पहले मध्य कोलकाता के बड़ाबाजार में इसी तरह की युवतियों का एक गिरोह व्यापारियों को सस्ती कीमत में इलेक्ट्रॉनिक सामान बेचने में सक्रिय है. इसी बहाने उनसे मोटी रकम ठग लेती थीं.
भवानीपुर व शेक्सपीयर सरणी थाने में ऐसी ही एक महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज की गयी थी, जो व्यापार शुरू करने के नाम पर बुटिक में जाकर चेक देकर महंगे कपड़े खरीदती थीं, बाद में उसका दिया चेक बाउंस होने के बाद पीड़ित दुकानदार शिकायत दर्ज कराने थाने में पहुंचते थे.
कार्ड सरेंडर करने का ऑफर देकर डकार ले रही हैं मोटी रकम, हाल ही में एक स्कूल के शिक्षक को अपनी जाल में फंसाकर ठगे 92 हजार रुपये
कैसे बनाती हैं ग्राहकों को शिकार
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पीड़ित शिक्षक ने शिकायत में बताया कि वह एक सरकारी बैंक के क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं. काफी ज्यादा बिल आ जाने के कारण वह क्रेडिट कार्ड से परेशान रहते थे.
अचानक एक दिन उन्हें मोबाइल पर किसी युवती ने फोन किया. फोन करनेवाली ने खुद को उसी सरकारी बैंक का एजेंट बताया, जिसका क्रेडिट कार्ड वह इस्तेमाल करते हैं.
पीड़ित शिक्षक का आरोप है कि उन्होंने युवती से कार्ड सरेंडर करने की बात कही. इस पर युवती तुरंत सरेंडर करवाने के लिए राजी हो गयी और उनसे सरेंडर के कागजात हस्ताक्षर कराने के लिए समय भी मांग लिया.
स्कूल में मिलकर ले गयी कार्ड की पूरी जानकारी
पीड़ित शिक्षक ने शिकायत में बताया कि कालीघाट इलाके में वह जिस स्कूल में पढ़ाते हैं, फोन करने वाली युवती वहां आकर उनसे मिली और कार्ड सरेंडर करने के बहाने उनके कार्ड की पूरी जानकारी ले गयी.
दो दिन में कार्ड सरेंडर हो जाने का भरोसा भी उस युवती ने दिया. सरकारी बैंक के क्रेडिट कार्ड विभाग की एजेंट बताने के कारण शुरुआत में उन्हें युवती की बातों पर कोई शक नहीं हुआ.
प्रोसेसिंग के नाम पर मांगा ओटीपी और निकल गये 92 हजार
पीड़ित शिक्षक ने पुलिसकर्मियों को बताया कि दो दिन के बाद उन्हें युवती का फिर से फोन आया, फोन पर उसने कहा कि कार्ड सरेंडर की ऑनलाइन प्रोसेसिंग के लिए मोबाइल में दो बार वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आयेगा.
इसके बाद दोनों बार उनके (पीड़ित के) मोबाइल में आये वन टाइम पासवर्ड को उन्होंने युवती को बता दिया. जिसके तुरंत बाद उनके मोबाइल में उनके क्रेडिट कार्ड से 92 हजार रुपये निकाले जाने का मैसेज आया. इसके बाद पुलिस में उन्होंने पूरी बात बताकर इसकी शिकायत दर्ज करायी है.
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