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तृणमूल पार्षद, भाई की पिटाई, घर में तोड़फोड़

दुर्गापुर के वार्ड संख्या 39 में विस्फोटक हुआ ग्रामीणों का आक्रोश भाई गंभीर हालत में कोलकाता रेफर, पार्षद ने छोड़ा अपना इलाका ग्रामीण महिलाओं ने पार्षद, भाई के खिलाफ लगाये कई गंभीर आरोप दुर्गापुर : बीते 29 अप्रैल को दुर्गापुर में संपन्न हुए संसदीय चुनाव के बाद से शुरू हुई राजनीतिक हिंसा थम नहीं रही […]

दुर्गापुर के वार्ड संख्या 39 में विस्फोटक हुआ ग्रामीणों का आक्रोश

भाई गंभीर हालत में कोलकाता रेफर, पार्षद ने छोड़ा अपना इलाका
ग्रामीण महिलाओं ने पार्षद, भाई के खिलाफ लगाये कई गंभीर आरोप
दुर्गापुर : बीते 29 अप्रैल को दुर्गापुर में संपन्न हुए संसदीय चुनाव के बाद से शुरू हुई राजनीतिक हिंसा थम नहीं रही है. तृणमूल, भाजपा एवं माकपा कर्मियों के बीच मारपीट की घटनाएं बढ़ गई हैं. इन्हें रोकने में प्रशासन विफल है. बुधवार की देर रात 39 नंबर वार्ड अंतर्गत आशीषनगर में आक्रोशित निवासियों ने तृणमूल वार्ड पार्षद शशांक शेखर मंडल, उसके भाई शिबू मंडल एवं तृणमूल समर्थकों पर हमला बोल दिया.
आशीष नगर स्थित तृणमूल ऑफिस में तोड़फोड़ की. शिबू मंडल गंभीर रूप से घायल हो गये. इलाज के लिए उन्हें कोलकाता के निजी अस्पताल भेजा गया. ग्रामीणों ने कोकोवेन थाना के समक्ष प्रदर्शन कर पार्षद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की.
निवासियों ने कहा कि तृणमूल पार्षद शशांक शेखर बुधवार की संध्या समर्थकों संग आशीष नगर में घुसकर बेवजह लोगों की पिटाई कर रहे थे. मारपीट में विवेकानंद मल्लिक, कृष्णदास मल्लिक समेत कई लोग घायल हो गये. इनमें कई महिलाएं भी शामिल थी. तृणमूल कर्मियों के हमले की सूचना मिलने के बाद स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया.
इसके बाद एकजुट होकर पार्षद के घर के समक्ष विरोध प्रदर्शन शुरू किया. पार्षद के भाई शिबू मंडल के मिलने पर उसकी पिटाई करने लगे. ग्रामीण महिला सविता मिस्त्री, पूजा पाल ने बताया कि पार्षद मतदान के पहले इलाके के लोगों में घूम घूम कर तृणमूल के पक्ष में वोट देने की धमकी दे रहे थे. पार्षद एवं उसके भाई पर इलाके की सरकारी जमीन को बेचने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि पार्षद के अत्याचार से ग्राम में रहना मुश्किल हो गया है. पार्षद को पद से बहिष्कृत करना होगा. ग्रामीण पार्षद को इलाके में घुसने नही देंगे. तृणमूल जिला कार्यकारी अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी ने कहा कि ग्रामीणों का आक्रोश होना स्वाभाविक बात है.लेकिन कानून हाथ में लेकर तरह मारपीट करना अपराध है. हमले के पीछे राजनीतिक कारण है. फिलहाल प्रशासन को मामले से अवगत कराया गया है. प्रशासन को निष्पक्ष ढंग से मामले की जांच कर दोषियों को पर कार्रवाई करने का कहा गया है.

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