सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल में इंसेफ्लाइटिस (जापानी दिमागी बुखार) का कहर जारी है. अब तक 47 लोगों की मौत के बाद सरकार ने उत्तर बंगाल में रेड अलर्ट जारी कर दिया है. ये मौतें उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पिछले 11 दिनों के अंदर हुई है. अस्पताल में इंसेफ्लाइटिस से पीड़ित मरीजों की संख्या दिन-पर-दिन बढ़ती जा रही है. इंसेफ्लाइटिस से शनिवार सुबह कूचबिहार जिले के जतींद्र नाथ बारूई (65) की मौत उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में इलाज के दौरान हो गयी.
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद रेड अलर्ट जारी कर दिया. उधर, शनिवार को उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव ने मेडिकल कॉलेज पहुंच कर हालात का जायजा लिया. मरीजों का हालचाल पूछा एवं स्वास्थ्य अधीक्षक डॉ अमरेंद्र नाथ सरकार से पूरी रिपोर्ट ली. उन्होंने कहा कि सोमवार को स्थानीय मिनी सचिवालय उत्तरकन्या में जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक होगी. साथ ही उन्होंने इंसेफ्लाइटिस मरीजों की जांच व इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज के अस्पताल परिसर में अलग से क्लिनिक की व्यवस्था करने की भी बात कही.
उन्होंने बताया कि इस क्लिनिक में दो चिकित्सक 24 घंटे मौजूद रहेंगे. वहीं, वाम नेता भी शनिवार को इंसेफ्लाइटिस मरीजों का हालचाल लेने अस्पताल पहुंचे. वाम मोरचा के दार्जिलिंग जिला संयोजक अशोक भट्टाचार्य के नेतृत्व में घटक दलों के नेताओं का एक प्रतिनिधि दल ने स्वास्थ्य अधीक्षक डॉ अमरेंद्र नाथ सरकार से रिपोर्ट ली एवं प्रत्येक वार्ड में जाकर मरीजों का हालचाल पूछा. श्री भट्टाचार्य ने मरीजों के इलाज की प्रक्रिया पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि इंसेफ्लाइटिस ने पूरे उत्तर बंगाल में अपना पांव पसार दिया है.
सरकार इससे मुकाबले के लिए अब तक उस तरह तैयार नहीं हुई है. अब तक 47 लोगों की मौत के बावजूद सरकार की नींद नहीं टूटी है. उन्होंने कहा कि कोलकाता से विशेषज्ञों की टीम सर्वे के लिए आयी है. इस टीम से कुछ नहीं होने वाला. पुणो की एक्सपर्ट टीम से सर्वे कराना जरूरी है. उन्होंने मरीजों के इलाज में कोताही बरतने का भी आरोप लगाया. श्री भट्टाचार्य के साथ माकपा के वरिष्ठ नेता जीवेश सरकार, सिलीगुड़ी नगर निगम के विरोधी दल के नेता मुंशी नुरुल इसलाम, वाम पार्षद जय चक्रवर्ती भी मौजूद थे.