कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो व राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को शहीद दिवस रैली के मंच से चेताया और कहा कि नेता बनने के लिए परिश्रम करना पड़ता है. उन्होंने अपील की कि किसी को भी पैसे देने की जरूरत नहीं है. उनका कहना था कि नेता ‘लॉबी ’ करने से कोई नेता नहीं बन जाता. नेता बनने के लिए गांव में जाकर काम करना पड़ता है.
तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर रंगदारी वसूलने के आरोपों की पृष्ठभूमि में शहीद रैली में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को चेताते हुए उनका कहना था कि जिन लोगों के पास कोई नैतिकता और मूल्य नहीं है उन्हें राजनीति में नहीं आना चाहिए. कुछ लोग तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ झूठी अफवाह फैला रहे हैं, लेकिन हम उनके जाल में नहीं फंसेंगे.
उन्होंने कहा कि नेता बनने के लिए आम लोगों के बीच में काम करना पड़ता है. लॉबी से काम नहीं बनता. जो गांव या कस्बों में ऐसा परिश्रम कर रहे हैं, वह उन्हें ढूंढ निकालेंगी. पार्टी को और मजबूत बनाने के लिए उन्होंने कार्यकर्ताओं से आम जनता के साथ और संपर्क बढ़ाने के लिए कहा.
सुश्री बनर्जी ने कहा कि वह युवा नेताओं की ऐसी पीढ़ी चाहती हैं, जो अगले चार दशकों तक काम करे. उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए नहीं, बल्कि आम जनता के लिए राजनीति में हैं.
फिर से तसवीर बनाऊंगी
सुश्री बनर्जी ने कहा कि वह फिर से तसवीर बनाकर उन्हें बेचेंगी. विरोधियों पर हमला बोलते हुए उनका कहना था कि विपक्ष के पास हजारों करोड़ रुपये हैं. चुनाव का खर्च वह (तृणमूल) कैसे निकालेगी. चुनावी सुधार के संबंध में उनकी लंबे अरसे से मांग है. लेकिन यह मांग मानी नहीं जा रही. लिहाजा उन्हें तसवीर बना कर उसे बेचना होगा.
जनवरी में तृणमूल की ब्रिगेड की सभा
तृणमूल सुप्रीमो व राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की कि अगले वर्ष जनवरी में पार्टी की ओर से ब्रिगेड परेड ग्राउंड में सभा का आयोजन किया जायेगा. उनका कहना था कि लाखों लोग धर्मतला के शहीद दिवस की सभा में पहुंच नहीं सके. लिहाजा ब्रिगेड में सभा करके सभी को जगह देने की कोशिश की जायेगी. हालांकि सुश्री बनर्जी ने यह भी कहा कि भीड़ इतनी है कि 10 ब्रिगेड भी कम पड़ जायेंगे.
मौके पर ममता बनर्जी ने तृणमूल कार्यकर्ताओं को कहा कि जनता के बीच में जाकर पार्टी को मजबूत करें. उन्होंने 27 जुलाई को नानूर दिवस, नौ अगस्त को शहीद दिवस, 14 अगस्त को कन्याश्री दिवस और 28 अगस्त को छात्र दिवस मनाने की घोषणा की.
शहीद दिवस का नाम अब मां, माटी, मानुष दिवस
उल्लेखनीय है कि 21 जुलाई 1993 में पुलिस फायरिंग में 13 युवा कांग्रेसियों की मौत के बाद यह दिन शहीद दिवस के रूप में तृणमूल मनाती है. हालांकि तृणमूल ने अब इसका नाम कारण मां , माटी , मानुष दिवस कर दिया है.