सिलीगुड़ी: उत्तर बंगाल में इंसेफ्लाइटिस (दिमागी बुखार) के कहर के मद्देनजर सोमवार को सिलीगुड़ी स्थित मिनी सचिवालय ‘उत्तरकन्या’ में राज्य स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर डॉ विश्वरंजन सतपति की अगुवायी में उच्चस्तरीय बैठक हुई.
बैठक में उत्तर बंगाल के सातों जिलों के स्वास्थ दफ्तर के आलाधिकारी मौजूद थे. बैठक के दौरान डॉ सतपती ने स्वास्थ्य अधिकारियों को इंसेफ्लाइटिस से मुकाबले के लिए जरूरी परिसेवाएं जारी करने का निर्देश दिया. साफ-सफाई पर विशेष ध्यान समेत जनजागरूकता अभियान चलाने को भी कहा गया.
बैठक के बाद संवाददाताओं से मुखातिब डॉ सतपति ने बताया कि इंसेफ्लाइटिस पशुओं के खटाल खासकर सुअर के खटालों, मच्छरों व अधिकांश समय पानी में रहने वाले पक्षियों के कारण फैल रहा है. उन्होंने सरकारी आंकड़ों के आधार पर बताया कि इस संक्रमण के कारण जनवरी से अब तक 344 लोग पीड़ित हुए. इनमें 102 मरीजों की मौत हो गयी. उन्होंने कहा कि 7 जुलाई के बाद से 60 मरीजों की मौत हुई है.
डॉ सतपति के मुताबिक, 261 मरीजों का इलाज उत्तर बंगाल के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है. सोमवार से ही उत्तर बंगाल के विभिन्न अस्पतालों में अलग से फिवर क्लीनिक खोला गया है. यहां चौबीस घंटे दो चिकित्सक मौजूद रहेंगे. उधर, उत्तर बंगाल के विभिन्न इलाकों के पांच मरीजों (तीन पुरुष व दो महिला) की मौत इलाज के दौरान उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में हो गयी है. अस्पताल सूत्रों के अनुसार, अलीपुरद्वार जिले के फालाकाटा निवासी जागर सिंह सइबो (62), कूचबिहार जिला निवासी शशि मोहन राय (35), जलपाईगुड़ी जिला के मालबाजार निवासी कमल देव नाथ (18), उत्तर दिनाजपुर जिले के इसलामपुर की रहनेवाली सोमा राय (20) व सिलीगुड़ी महकमा क्षेत्र के बागडोगरा की रहनेवाली मीरा बर्मन (20) की मौत हो गयी. ये मौतें उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में रविवार देर शाम के बाद से सोमवार की सुबह तक हुईं. इस बीच, स्वास्थ्य राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने बताया कि कोलकाता से स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन की एक टीम जलपाईगुड़ी का दौरा कर हालात का जायजा लेगी. मरीजों के खून के नमूने पुणो लैब में भी जांच के लिए भेजे जायेंगे.