कोलकाता की एक कंपनी की 200 करोड़ की संपत्ति कुर्क
कंपनी पर करोड़ों रुपये के पोंजी घोटाले की साजिश रचने और उसके जरिये विभिन्न राज्यों में निवेशकों को चूना लगाने का है आरोप कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने गुरुवार को मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत कोलकाता की एक कंपनी की 200 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. कंपनी पर करोड़ों रुपये के […]
कंपनी पर करोड़ों रुपये के पोंजी घोटाले की साजिश रचने और उसके जरिये विभिन्न राज्यों में निवेशकों को चूना लगाने का है आरोप
कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने गुरुवार को मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत कोलकाता की एक कंपनी की 200 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. कंपनी पर करोड़ों रुपये के पोंजी घोटाले की साजिश रचने और उसके जरिये विभिन्न राज्यों में निवेशकों को चूना लगाने का आरोप है.
इडी ने कहा कि उसने भूखंड, फ्लैट, कारखाने, होटल और मनोरंजन पार्क (एम्यूजमेंट पार्क), चाय बागान, दुकान जैसी 103 अचल संपत्तियां और 15 बैंक खातों में 1.77 करोड़ रुपये जब्त किये. ये खाते बासिल इंटरनेशनल लिमिटेड (बीआइएल) की 16 अलग-अलग कंपनियों के नाम पर थे. ये संपत्तियां असम, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा और महाराष्ट्र में हैं. जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत 200 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया.
इडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की वर्ष 2015 में दायर प्राथमिकी और उसके बाद आरोपपत्र के आधार पर बीआइएल समूह के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था. प्रवर्तन निदेशालय ने बीआइएल तथा अन्य के खिलाफ अवैध योजनाएं चलाकर और बड़ा मुनाफा देने का वायदा कर आम लोगों के साथ धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया था. ऐसी योजनाओं को पोंजी योजना के नाम से भी जाना जाता है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह पोंजी या चिटफंड घोटाला करीब 3,500 करोड़ रुपये का है. इस अवैध योजना के जरिये जुटाये गये धन को 60 मुखौटा या फर्जी कंपनियों के जरिये इधर-उधर किया गया.