हिंसा बरदाश्त नहीं : राज्यपाल

।। अमर शक्ति ।। – केसरीनाथ त्रिपाठी ने राज्य के 20वें राज्यपाल के रूप में ली शपथ – कलकत्ता हाइकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश असीम कुमार बनर्जी ने दिलायी शपथ – मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी रहे मौजूद कोलकाता : उत्तर प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और पांच बार विधायक रहे केसरीनाथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2014 6:29 AM

।। अमर शक्ति ।।

– केसरीनाथ त्रिपाठी ने राज्य के 20वें राज्यपाल के रूप में ली शपथ

– कलकत्ता हाइकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश असीम कुमार बनर्जी ने दिलायी शपथ

– मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी रहे मौजूद

कोलकाता : उत्तर प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और पांच बार विधायक रहे केसरीनाथ त्रिपाठी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के 20वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली. श्री त्रिपाठी को कलकत्ता हाइकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति असीम कुमार बनर्जी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी.

शपथ ग्रहण के बाद संवाददाताओं से बातचीत में नये राज्यपाल ने कहा कि हिंसा चाहे किसी भी प्रकार का हो, कतई बरदाश्त नहीं किया जायेगा. हिंसा चाहे सत्तारूढ़ पार्टी करे या विपक्ष की पार्टियां, इसका विरोध करना ही सही है. उन्होंने कहा कि इससे पहले वह कई पदों पर रह चुके हैं, लेकिन राज्यपाल का पद उनके लिये नया है.

इस पद पर आसीन होने के बाद उनका पहला कर्तव्य, देश के संविधान की रक्षा करना है. वह संविधान के अनुसार, एक राज्यपाल के अधिकार व सीमाओं को ध्यान में रख कर कोई कदम उठायेंगे. बंगाल में हिंसा के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हिंसा को वह कतई बरदाश्त नहीं करेंगे. अगर सत्तारूढ़ पार्टी संविधान के अनुसार कार्य करे तो इससे विवाद पैदा ही नहीं होगा.

उन्होंने कहा कि यहां की सरकार, प्रशासन या अथॉरिटी से यही आशा है कि वह संविधान के नियमों को मानते हुए कार्य करें. वहीं, उन्होंने विपक्ष पार्टियों को भी संविधान व कानून के अनुसार काम करने की हिदायत दी. बंगाल से अपने संपर्क के संबंध में उन्होंने कहा कि उनका बंगाल से खास कोई नाता नहीं रहा है.

वह यहां पहले एक-दो कार्यक्रम में हिस्सा लेने आ चुके हैं. इसलिए वह पहले बंगाल को समझना चाहते हैं और यहां की समस्याओं को जानना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी मुद्दे पर वह केंद्र सरकार के साथ को-ऑर्डिनेशन बनाते हुए कार्य करना चाहते हैं.

अगर बंगाल सरकार को भी किसी प्रोजेक्ट या किसी भी प्रकार की समस्या होती है तो वह केंद्र से इस संबंध में बात करेंगे. उन्होंने कहा कि बंगाल के लोगों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए वह हर संभव कदम उठाने को तैयार हैं. राज्य सरकार उनसे जब भी मदद मांगेगी, वह उनकी मदद करने के लिए प्रस्तुत हैं.

राज्य में भी अगर कोई समस्या होती है तो वह इससे बातचीत से सुलझाने का प्रयास करेंगे. वहीं, सत्तारूढ़ पार्टी को सचेत करते हुए उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी को विपक्ष पार्टियों की बातों को भी सुनना चाहिए, अगर वह विपक्ष की बात सुनेंगे तो इससे ही अधिकांश समस्याओं का समाधान हो जायेगा.

हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है. इस साल नवंबर में 80 साल के होने जा रहे राज्यपाल ने बाद में कहा कि मुख्यमंत्री राज्य संबंधी विषयों से निबटने में सक्षम हैं. श्री त्रिपाठी ने एमके नारायणन का स्थान लिया है, जिन्होंने केंद्र की राजग सरकार के इशारे पर इस्तीफा दे दिया.

बांग्ला भाषा जानना चाहेंगे

उन्होंने कहा कि वह थोड़ा कम बोलते हैं. उन्होंने इलाहाबाद हाइकोर्ट में वर्षो तक वकालत की है, इसलिए उन्होंने अपने पेशे से सीखा है कि क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं. कब और कहां बोलना चाहिए या कहां नहीं बोलना चाहिए. वह इस नियम का पालन करते हुए जीवन जीते हैं.

वहीं, बंगाल को जानने के संबंध में उन्होंने कहा कि वह यहां की भाषा से ही सही प्रकार से परिचित नहीं है, इसलिए उन्होंने पहले ही बांग्ला से हिंदी में अनुवाद वाली किताबें खरीदने को कह दिया है, जिससे वह यहां की भाषा को जान व समझ सकें. राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, वित्त मंत्री अमित मित्र, वरिष्ठ भाजपा नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह, और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा आदि मौजूद थे. समारोह में राज्यपाल के परिवार के सदस्य मौजूद रहे.

विपक्षी दलों के नेता नहीं आये

केसरीनाथ त्रिपाठी के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी पार्टियों के नेता नहीं पहुंचे.वाममोरचा व कांग्रेस के विधायकों ने इस कार्यक्रम का बायकाट किया. इस संबंध में राज्यपाल ने कहा कि वह उन लोगों को नहीं जानते हैं और ना ही वह लोग उनको पहचानते हैं. इसलिए विपक्षी पार्टी के नेता क्यों नहीं आये, यह वह नहीं जानते. अगर वह इसमें ही खुश हैं तो खुश रहें. वहीं, विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि शपथ ग्रहण समारोह के लिए उनको कोई आमंत्रण ही नहीं मिला था.

नये राज्यपाल ने कहा

– राज्यपाल के अधिकार व सीमाओं को ध्यान में रख उठायेंगे कदम

– केंद्र के साथ समन्वय स्थापित कर करेंगे काम

– राज्य की किसी भी समस्या का बातचीत से होगा समाधान

– सत्तारूढ़ पार्टी संविधान के अनुसार चले तो विवाद पैदा नहीं होगा

– राज्य संबंधी समस्याओं से निबटने में सीएम सक्षम

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