मॉब लिंचिंग : खुद को जज मानकर दे देते हैं मौत का फैसला

आतंक : शिल्पांचल के विभिन्न इलाकों में बच्चा चोर के नाम पर पिटाई के मामले से दहशत का माहौलआसनसोल / रूपनारायणपुर : मॉब लिंचिंग की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. लगातार बच्चा चोर के संदेह में उन्मादी भीड़ अनजान व्यक्ति के साथ मारपीट कर रही है. उन्माद इतना अधिक है कि मौत के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2019 1:56 AM

आतंक : शिल्पांचल के विभिन्न इलाकों में बच्चा चोर के नाम पर पिटाई के मामले से दहशत का माहौल
आसनसोल / रूपनारायणपुर : मॉब लिंचिंग की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. लगातार बच्चा चोर के संदेह में उन्मादी भीड़ अनजान व्यक्ति के साथ मारपीट कर रही है. उन्माद इतना अधिक है कि मौत के बाद ही भीड़ शांत हो पाती है. इस समय हर व्यक्ति डरा हुआ है कि कब बच्चा चोरी का संदेह उन पर हो जायेगा.

इल्जाम लगा कर भीड़ उसके साथ दुर्व्यवहार या मारपीट जैसी घटना को अंजाम दे बैठे. आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमीश्नरेट इलाके में इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं. इस इलाके की बिडम्बना यह है कि औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण बाहर से आनेवाले लोगों की संख्या अधिक होती है. कूड़ा- कचड़ा चुनने से लेकर भीख मांग कर गुजारा करनेवाले भीखमंगे तथा योगी और साधू भी बड़ी संख्या में जीविकोपार्जन के लिए विभिन्न इलाकों का भ्रमण करते हैं. अचानक उन्मादी युवकों की पूछताछ से कोई भी घबड़ा जाता है. फलस्वरूप उसके खिलाफ माहौल बने में अधिक समय नहीं लगता है.

मनोचिकित्सक के अनुसार भीड़ की प्रवृत्ति उकसाने पर हिंसक हो जाती है. इस तरह की घटना में दोषी व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाती. भीड़ नेतृत्व करनेवाले व्यक्ति के द्वारा बताई गई परिस्थिति के अनुसार ही फैसला लेने लगती है. इसमें मुख्य भूमिका अपने जीवन में हताश और बेकार बैठे युवकों की होती है. जबकि युवाओं पर समाज को जगाने की जिम्मेवारी है. यह जिम्मेवारी उन्हें निभानी होगी. समाज में घट रही संवेदनशीलता को जगाने की जरूरत है. घटना को रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करना जरूरी है. घर से निकलनेवाला हर व्यक्ति खुद में डरा महसूस कर रहा है.

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