आनंद सिंह
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के सांसद तापस पाल मामले की सुनवाई कलकत्ता हाइकोर्ट में शुक्रवार को पूरी हो गयी. इसपर हाइकोर्ट अपना फैसला आगामी 13 अगस्त को सुनायेगा. साथ ही उसने तापस पाल के बयान के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने पर लगाये गये स्थगनादेश को 14 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया.
कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश गिरीश गुप्त और न्यायमूर्ति तपोव्रत चक्रवर्ती की खंडपीठ ने शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन मामले की सुनवाई की. इसने सिंगल बेंच के आदेश को लागू करने पर 14 अगस्त तक रोक लगा दी जिसमें महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए तापस पाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और सीआईडी जांच के निर्देश दिए गए थे.
सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील और तृणमूल सांसद कल्याण बंद्योपाध्याय ने पक्ष रखा. उन्होंने सिंगल बेंच के न्यायाधीश दीपंकर दत्त के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने का आग्रह किया. न्यायाधीश दीपंकर दत्त ने प्राथमिकी दर्ज करने और 72 घंटे के अंदर मामले को सीआइडी को स्थानांतरित करने के आदेश दिए थे.
कल्याण बंद्योपाध्याय ने डिवीजन बेंच में कहा कि पुलिस ने तापस पाल की टिप्पणी वाले मूल वीडियो टेप उस टीवी चैनल से मांगा है जिसने इसे प्रसारित किया था. लेकिन अभी तक पुलिस को यह टेप नहीं मिला है. टेप मिलने पर जांच आगे और बढ़ेगी. उनका यह भी कहना था कि गत 30 जून को नक्कासीपाड़ा थाने में एक महिला ने तापस पाल के वक्तव्य से सुरक्षा का अभाव बोध करने वाली शिकायत दर्ज करायी थी.
एक जुलाई को विप्लव चौधरी ने भी उसी थाने में शिकायत दर्ज करायी थी. दोनों शिकायतों को एक करके पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. उनका यह भी कहना था कि सांसद के खिलाफ कोई अदालत द्वारा कोई आदेश देने पर इसकी जानकारी लोकसभा अध्यक्ष को देनी पड़ती है. सिंगल बेंच ने ऐसा नहीं किया.
उल्लेखनीय है कि तृणमूल सांसद तापस पाल का वीडियो फुटेज मीडिया में प्रसारित हुआ था जिसमें वह अपने विरोधियों को गोली मारने और महिलाओं का दुष्कर्म कराने की बात करते दिखाई देते हैं. मीडिया में यह आने के बाद तापस पाल ने इसके लिए बिना शर्त माफी मांगी है.