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गलसी में खुलेआम हो रहा है अवैध बालू खनन

मुख्यमंत्री की कड़ी चेतावनी के बाद भी बाज नहीं आ रहे बालू माफिया पानागढ़ : मुख्यमंत्री की कड़ी चेतावनी के बावजूद पूर्व बर्दवान जिले में दामोदर नदी से खुलेआम अवैध रूप से बालू खनन व ओवरलोड बालू का कारोबार बालू माफियाओं द्वारा जारी है. बुधवार प्रातः गलसी में ओवरलोड बालू लेकर जा रहा वाहन के […]

मुख्यमंत्री की कड़ी चेतावनी के बाद भी बाज नहीं आ रहे बालू माफिया

पानागढ़ : मुख्यमंत्री की कड़ी चेतावनी के बावजूद पूर्व बर्दवान जिले में दामोदर नदी से खुलेआम अवैध रूप से बालू खनन व ओवरलोड बालू का कारोबार बालू माफियाओं द्वारा जारी है. बुधवार प्रातः गलसी में ओवरलोड बालू लेकर जा रहा वाहन के पलटने से एक ही परिवार के 5 लोगों की हुई दर्दनाक मौत की घटना से स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था. उत्तेजित लोगों ने बालू कारोबारियों के नदी किनारे मौजूद जेसीबी मशीन और डंपर, ट्रैक्टर तथा उनके कार्यालय को आग लगाकर फूंक दिया था.
सारा दिन कल गलसी का शिकारपुर इलाका रणक्षेत्र बना रहा. बावजूद 24 घंटा बीत जाने के बाद भी प्रशासनिक स्तर पर उक्त इलाके में मौजूद बालू के कारोबारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है. पूर्व बर्दवान जिला शासक विजय भारती ने विषय को लेकर जिला के विभिन्न ब्लॉक अधिकारियों, जिला प्रशासन व पुलिस अधिकारियों को लेकर एक टास्क फोर्स का गठन भी किया है.
स्वयं जिला शासक ने 14 दिसंबर को करीब 17 ओवरलोड बालू लदे ट्रक के खिलाफ कार्रवाई की थी. करीब आठ लाख रुपये जुर्माना भी वसूला गया था. बावजूद इसके अब भी अवैध बालू का कारोबार जारी है. जिले में अवैध बालू खनन को रोकने के उद्देश्य से ही जिला शासक विजय भारती ने ब्लॉक स्तर पर पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों को लेकर एक कमेटी गठित कर टास्क फोर्स बनाया था.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि सत्ताधारी पार्टी के कुछ नेताओं के इशारे पर ही जिले के गलसी, मेमारी, रायना, खंडघोष व जमालपुर आदि क्षेत्र में पुलिस अधिकारियों की मदद से अवैध रूप से बालू माफियाओं द्वारा बालू का अवैध कारोबार जारी है. बताया जाता है कि गलसी के गौग्राम में ही दस के करीब अवैध बालूघाट चल रहा है. तृणमूल के ही एक नेता ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि एक वैध बालूघाट की आड़ में दस अवैध बालूघाट चल रहे हैं. इसमें स्थानीय कुछ अधिकारियों की भी मिलीभगत है.
मामले को लेकर हाल ही में जिला प्रशासन ने दावा किया था कि बालूघाट व रास्तों के साथ ही हर मोड़ पर सीसीटीवी कैमरे तथा ड्रोन कैमरों से बालूघाटों पर नजरदारी चलायी जाएगी. इतना ही नहीं, पुलिस और प्रशासन की टीम भी मुआयना करेगी. लेकिन जिला शासक के उक्त निर्देश के बावजूद भी इस दिशा में उपयुक्त कदम नहीं उठाए गए. जिसका नतीजा है कि 5 लोगों को असमय मौत के गाल में समाना पड़ा. एक समूचा परिवार ही खत्म हो गया.
विशेषकर गलसी एक व गलसी दो ब्लॉक के शिलाघाट दामोदर नदी से बेपरवाह अवैध रूप से बालू की तस्करी जारी है. कल की घटना को लेकर पूर्व बर्दवान जिला भाजपा पार्टी के सचिव रमन शर्मा ने भी इस बात को मीडिया के सामने उल्लेख किया कि बालू के इस अवैध कारोबार में तृणमूल के लोग साफ तौर पर शामिल है.
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन के लोग भी मिले हुए हैं. यही कारण है कि आम जनता तथा ग्रामीणों के बार-बार मनाही तथा चेतावनी के बाद भी बालू का यह अवैध कारोबार जारी है.
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूर्व बर्दवान जिला प्रशासनिक बैठक के दौरान बालू के इस अवैध कारोबार को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तथा पुलिस को जमकर फटकार लगायी थी. साथ ही सख्त निर्देश भी दिया था कि बालू का यह कारोबार बंद हो. लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश पर अमल नहीं हुआ. बालू का अवैध कारोबार बेधड़क जिले में जारी है. ग्रामीणों का कहना है कि एक समय सीपीएम के समर्थक बालू का अवैध कारोबार करते थे.
तब तृणमूल विपक्ष में रहकर बालू के इस कारोबार का विरोध करती थी. आज स्वयं तृणमूल सत्ता में है लेकिन आज भी अवैध बालू का कारोबार जारी है. ग्रामीणों का कहना है कि व्यवसाय करना अपराध नहीं है लेकिन वैध व्यवसाय की आड़ में अवैध रूप से कारोबार करना सरासर गलत है. जहां वैध बालूघाट है, वहां भी ओवरलोड बालू तथा चालान की हेरा-फेरी की जा रही है. जहां अवैध बालूघाट है वहां तो कुछ कहने ही नहीं.
ऐसे में ओवरलोड बालू वाहनों के आवागमन से जहां रास्ते तथा सड़कें खराब हो रही हैं. साथ ही अवैध बालू लेकर जा रहे वाहनों के कारण दुर्घटनाएं भी घट रही हैं. अवैध बालू के कारोबार को लेकर अक्सर ही बालूघाटों के दखल को लेकर बमबाजी तथा खूनी संघर्ष की घटनाएं होती रहती हैं. इसका साफ नजारा हाल ही में गलसी के विक्रमपुर गांव में दो दिसंबर को देखने को मिला था.
बालू के अवैध खनन को लेकर दो गुटों में हुए संघर्ष के दौरान तोड़फोड़ व बमबाजी तथा आगजनी की घटना का मामला प्रकाश में आया था. गलसी शिलाघाट के एक बालू कारोबारी दीनबंधु बैरागी का साफ कहना है कि बांकुड़ा जिला के परमिट से गलसी के बिक्रमपुर और सीमासिमि मौजा के दामोदर नदी से मशीन द्वारा नियम को ताक पर रखकर बालू का खनन जारी है. अस्थाई सेतु बना कर बालू लदे वाहनों को पार किया जा रहा है. दीनबंधु बैरागी का कहना है कि अदालत के निर्देश की भी अवहेलना की जा रही है. शिकारपुर से भी भयंकर घटना भविष्य में घटने की संभावना प्रबल है. इससे इनकार नहीं किया जा सकता.
श्री बैरागी ने बताया कि कल जिस बालूघाट से रात के अंधेरे में बालू लेकर ट्रक जा रहा था वह तृणमूल के ही एक समर्थक का बालूघाट है. ग्रामीणों का कहना है कि किस तरह ओवरलोड बालू लेकर उक्त ट्रक रात के अंधेरे में जा रहा था. पुलिस की मनाही के बाद भी यह घटना घटी.
प्रशासन को चाहिए कि इस दिशा में कड़े कदम उठाये. गौरतलब है कि इससे पहले भी 8 मई 2017 को गलसी के इस गौग्राम स्थित दामोदर नदी में स्नान करने के दौरान बालू खनन के कारण नदी में बन आयी गहराई में फंस कर दो युवकों सौभिक मंडल तथा अर्पणा बोस की डूबकर मौत हो गयी थी. इस घटना के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों ने बालूघाट पर मौजूद मशीनों को आग लगाकर फूंक दिया था.
इस दौरान भी मामला सुर्खियों में आया था. लेकिन कुछ नेताओं के हस्तक्षेप के कारण मामला ठंडा पड़ गया. एक बार फिर पांच लोगों की हुईमौत की घटना में दोषियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नही होते देख ग्रामीणों का आक्रोश लगातार बढ़ रहा है.

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